दिल्ली की साकेत कोर्ट ने श्रद्धा हत्याकांड मामला में आरोपी आफताब पूनावाला का पांच दिन के अंदर नार्को टेस्ट कराने को कहा है. कोर्ट ने रोहिणी फॉरेंसिक साइंस लैब को 5 दिन के अंदर नारकोटिक्स करने का आदेश दिया है. इस दौरान अदालत ने यह भी आदेश दिए हैं कि आरोपी आफताब पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल ना किया जाए.
दरअसल जब किसी आरोपी का नारको टेस्ट करवाया जाता है तब उसकी रजामंदी भी जरूरी होती है. अदालत में जब आफताब से पूछा गया कि वह नारको टेस्ट करवाने के लिए तैयार है? तब उसका जवाब था, 'मैं अपनी सहमति देता हूं.'
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से 28 साल के आफताब के नार्को टेस्ट की मांग की थी, उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था. मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने कहा कि यह जरूरी था, क्योंकि वह अपने बयान बदल रहा था और श्रद्धा की नृशंस हत्या की जांच में सहयोग नहीं कर रहा था.
पूनावाला के वकील अविनाश कुमार ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने पुलिस को नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दी, जिसे ट्रुथ सीरम टेस्ट भी कहा जाता है. पुलिस ने 12 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी के बाद अर्जी दाखिल की थी.
आरोपी आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को 27 वर्षीय श्रद्धा वाकर का गला घोंट दिया था और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, जिसे उसने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने निवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा और फिर आधी रात को शहर भर में फेंक दिया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरी कथित तौर पर महरौली-गुड़गांव रोड पर एक दुकान से खरीदी गई थी.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता दिल्ली के अन्य पुलिस जिलों से मदद ले सकते हैं और पूनावाला को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे स्थानों पर ले जा सकता है, ताकि वाकर की हत्या की घटनाओं का क्रम स्थापित किया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि मुंबई छोड़ने के बाद वाकर और पूनावाला ने कई स्थानों की यात्रा की और पुलिस आरोपियों के साथ इन स्थानों का दौरा करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हत्या के लिए उन यात्राओं में कुछ तो नहीं हुआ था.
पुलिस ने उस कचरा वैन का भी पता लगाया है, जिसमें पूनावाला ने अपने खून से सने कपड़े फेंके थे, इसके अलावा 300 रुपये का पानी का बिल और कुछ खाने के बिल बरामद किए थे.