आगरा में रैली के दौरान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर फेंका जूता, आरोपी गिरफ्तार

पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि आरोपी ने जैसे ही घटना को अंजाम दिया, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे फौरन पकड़ लिया. उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़कर अपनी पार्टी बनाई थी.
आगरा (उप्र):

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर शुक्रवार को आगरा में एक रैली के दौरान एक व्यक्ति ने जूता फेंका. पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि मौर्य फतेहपुर सीकरी से पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान एक व्यक्ति ने उन पर जूता फेंका, उसकी पहचान धर्मेंद्र धाकरे के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि आरोपी ने जैसे ही घटना को अंजाम दिया, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे फौरन पकड़ लिया. उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि धाकरे उनके संगठन से जुड़ा है.

मौर्य ने फरवरी में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन किया.

महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'हमारे एक सदस्य ने मौर्य पर जूता फेंका. मौर्य ने पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है.'

जाट ने कहा, 'हमने खून से पत्र भी लिखे हैं और हिंदू संतों और रामचरितमानस का अपमान करने के लिए उन्हें पागलखाने में भर्ती कराने की अपील की है.'

काले झंडे दिखाए, काफिले पर स्‍याही भी फेंकी 

महासभा के सदस्यों ने मौर्य के काफिले पर स्याही भी फेंकी और फतेहाबाद से गुजरते समय काले झंडे दिखाए. सदस्यों ने काफिले पर काली स्याही फेंकी और 'जय श्री राम' के नारे लगाए.

जाट ने कहा, 'हम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर फतेहाबाद टोल से मौर्य के काफिले का पीछा कर रहे थे. कुछ सदस्यों ने फतेहाबाद में विरोध प्रदर्शन किया और जब मौर्य गुजर रहे थे तो काले झंडे दिखाए. इसके अलावा, उन्होंने उनकी कार पर भी स्याही फेंकी.'

स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में सपा नेतृत्व पर भेदभाव करने और उनके बयानों का बचाव नहीं करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी. वह 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और फाजिलनगर से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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