शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों के बीच समन्वय एक उदाहरण है कि किस तरह से गठबंधन सरकार को काम करना चाहिए. राउत ने संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ दलों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच दरार पैदा करने का प्रयास सफल नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘तीनों दलों के बीच संबंध मजबूत हैं.' उन्होंने कहा कि इनमें से सभी अपने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए भी काम कर रहे हैं.
कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी अकेले मैदान में उतरेगी. इसके बाद राउत का यह बयान आया है.
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राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘यह निर्णय नहीं हुआ है कि आगामी चुनाव कैसे लड़े जाएंगे और उपयुक्त समय पर यह निर्णय लिया जाएगा. तीनों दलों की प्रतिबद्धता है कि वर्तमान सरकार पांच साल चलेगी. इस गठबंधन का मूल न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) है.' राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि सहयोगी दलों के बीच दरार पैदा करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कांग्रेस एवं राकांपा के साथ बढ़िया समन्वय है.
गौरतलब है कि शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने ठाकरे से अपील की कि ‘बहुत देर हो जाए इससे पहले' भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेल-मिलाप कर लें. उनका कहना है कि इस कदम से उनके जैसे नेता बच जाएंगे जिनके लिए ‘केंद्रीय एजेंसियां' समस्या पैदा कर रही हैं. सरनाइक कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय के निगरानी के दायरे में हैं. सरनाइक ने दस जून को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा, शिवसेना में गुटबाजी को बढ़ावा देकर इसे कमजोर कर रही हैं.
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सरनाइक के पत्र के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि शिवसेना में केवल एक गुट है जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में है. उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी अब तक गुटबाजी से प्रभावित नहीं हुई है. शिवसेना के सभी नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने का निर्णय किया गया था.' राउत ने कहा कि प्रताप सरनाइक शिवसेना के नेता हैं और ‘दिक्कत में हैं.' उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को केंद्रीय जांच एजेंसियां परेशान कर रही हैं और इसलिए वह चाहते हैं कि पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से मेल-मिलाप कर ले.
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साथ ङी राउत ने कहा, ‘यह उनकी निजी राय है. पार्टी के रूख पर निर्णय पहले ही हो चुका है. संकट के इस समय में पार्टी सरनाइक के साथ है.' उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के मामले का सामना पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस भी कर रही है. राउत ने कहा, ‘यह महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुकूल नहीं है.'
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