- शिवसेना के चुनाव चिन्ह 'धनुष-बाण' के अधिकार को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच विवाद जारी है.
- सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना सिंबल विवाद पर सुनवाई की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 तय की है.
- उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
शिवसेना को लेकर उद्धव और एकनाथ शिंदे के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना किसकी है, ये तो पहले ही साफ हो चुका है. लेकिन फिर भी पार्टी और सिंबल की लड़ाई जारी है. सिंबल के अधिकार को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, इस पर अदालत में आज सुनाई हुई. जिसके बाद अदालत ने तय किया कि मामले पर अगली सुनवाई अगले साल यानी कि 21 जनवरी 2026 को होगी.
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सिंबल पर फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत शिवसेना विवाद पर तुरंत फैसला लेने से इनकार कर दिया. दरअसल शिवसेना-यूबीटी ने शीर्ष अदालत से 2 दिसंबर के चुनाव से पहले सिंबल पर फैसला करने की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट अब शिवसेना की अयोग्यता और सिंबल के साथ ही एनसीपी के चुनाव चिन्ह विवाद के दोनों मामलों की सुनवाई भी जनवरी में करेगा. मई में, शिवसेना (यूबीटी) ने 2 दिसंबर को होने वाले महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
BMC चुनाव से पहले उद्धव को राहत नहीं
बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव के लिए ये किसी झटके से कम नहीं है. क्यों कि धनुष वाण फिलहाल एकनाथ शिंदे के पास ही रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक यह सिंबल उद्धव को बिल्कुल भी नहीं मिल सकता. आगे भी ये सिंबल उद्धव को मिलेगा या फिर शिंदे के पास ही रहेगा, ये सुप्रीम कोर्ट तय करेगा.
जस्टिस सूर्यकांत का कटाक्ष सुनिए
उद्धव ठाकरे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के कारण कुछ जल्दी है. जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खुद 31 जनवरी, 2026 तक पूरा करने का आदेश दिया है. इस पर शिंदे की शिवसेना के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इतने सारे चुनाव पुराने चुनाव चिन्ह (धनुष-बाण) के बिना और अस्थायी चुनाव चिन्ह के साथ हो चुके हैं. अब इतनी जल्दी क्या है. वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इस देश में राजनीतिक दल हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं. बता दें कि उद्वव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट को असल शिवसेना मानने वाले चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
फिलहाल शिंदे के पास ही रहेगा धनुष-बाण
दरअसल चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी. पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष एवं बाण' भी उनको ही आवंटित कर दिया था. इसी को उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर सुनवाई अगली साल होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों की अयोग्यता के मामले पर भी साथ ही सुनवाई की जाएगी. शिवसेना के सिंबल पर सुप्रीम में आज सुनवाई हुई. इसके लिए शिवसेना यूबीटी के सांसद अनिल देसाई दिल्ली पहुंचे थे.
शिवसेना सिंबल पर आज नहीं हुआ फैसला
अनिल देसाई ने सुनवाई से पहले कहा कि पिछली सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि लगातार दो या तीन बैठकों में सुनवाई पूरी कर ली जाएगी. महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. 26 नवंबर को चुनाव चिन्ह का वितरण किया जाना है. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जस्टिस सूर्यकांत उससे पहले कोई फैसला ले लेंगे. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह फैसला ज़रूरी है.












