पिछले साल शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने किसी भी सरकारी कार्यक्रम के पहले बेटियों की पूजा का आदेश निकाला था, एक साल बाद मध्य प्रदेश में उपचुनावों (Madhya Pradesh Bypolls) से पहले बीजेपी (BJP) ने उप चुनाव वाली सीटों के हर बूथ पर कन्या पूजन कार्यक्रम किया, घर-घर जाकर भी कन्या पूजन किया लेकिन ये प्रतीक कांग्रेस को खटके हैं और राज्य में सियासी संग्राम शुरू हो गया है.
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री हर सरकारी कार्यक्रम से पहले कन्या पूजन करते हैं. तीन विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने घर-घर कन्या पूजन किया हालांकि रैगांव सीट पर कन्या पूजन के दौरान कुछ बच्चियों ने लगभग बीजेपी के रंगों जैसी दिखती पगड़ी भी पहनी, जिससे राज्य में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया.
कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि हमें कन्या पूजन पर आपत्ति नहीं है, लेकिन अनुष्ठान के राजनीतिकरण पर आपत्ति है. लड़कियों (जिनका कन्या पूजन किया गया था) को भाजपा के झंडे के रंग की पगड़ी पहनाकर सीएम ने कन्या पूजन का राजनीतिकरण किया है. कहां है राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), जिसने बच्चों के नशीली दवाओं के सेवन के बारे में टिप्पणी पर कांग्रेस नेता अजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को पत्र लिखा था.
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप को नया हथियार बना लिया, मुख्यमंत्री सहित तमाम बड़े नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेसी मैं कन्या पूजन करता हूं तो मजाक उड़ाते हैं, कन्या पूजन कर रहा हूं मैं कन्या पूजन ना करूं तो क्या कांग्रेसियों का पूजन करूं. अपने संस्कार हैं कन्या पूजन, अब कन्या पूजन के लिए आपत्ति, मेरे लिए मेरी बहने दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती जैसी हैं, मेरी ये, कन्या देवियां हैं.
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कन्या पूजन हमारी संस्कृति है, राजनीति में धर्म नहीं होगा तो राजनीति खोखली हो जाएगी. कन्या पूजन कर हमने संकल्प लिया है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करेंगे.अच्छा होता दिग्विजय सिंह किसी कन्या का पूजन करते. अच्छा होता कमलनाथ जी कन्या का पूजन करते.
वैसे 2017 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग चुनाव प्रचार या संबंधित कामों में बच्चों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी कर चुका है, हाल ही में आयोग ने सतना कलेक्टर को खत लिखकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा था. अजय सिंह ने अपने भाषण में आर्यन खान का बचाव करते हुए टिप्पणी की थी, जो आयोग को नागवार गुजरा था. वैसे सरकार भले ही कन्या पूजन जैसे प्रतीक दिखाए, लेकिन बच्चों के लिए मध्यप्रदेश सबसे असुरक्षित राज्य बन चुका है.
एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं...
- 2020 में राज्य में 17,008 बच्चों के साथ अपराध हुआ
- हालांकि इसमें 2019 के मुकाबले मामूली कमी आई
- राज्य में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध की दर 59.1 फीसद है.
- महिलाओं के साथ अपराध में मध्यप्रदेश 5वें नंबर पर है
- साल 2020 में राज्य में बलात्कार के 2,339 मामले दर्ज किए गए
इन आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में हर रोज 6 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, 2020 में औसतन रोजाना करीब 46 बच्चों को हत्या, दुष्कर्म, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों का शिकार होना पड़ा है. उसके बाद भी चुनाव में कन्या पूजन जैसे प्रतीक सामने आ रहे हैं तो इसे क्या मानना है जनता तय कर ले.
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