राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना- यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के विरोध में दक्षिण मुंबई स्थित प्रतिष्ठित हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया' तक रविवार को ‘महा विकास आघाडी' (MVA) के मार्च का नेतृत्व किया. एमवीए नेताओं ने प्रतिमा ढहने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की.
गठबंधन की घटक शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मांगी गई माफी में ‘‘अहंकार की बू'' है और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इस घटना को भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया.
क्या है पूरा मामला?
मुंबई से करीब 480 किलोमीटर दूर मालवण तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी. इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के शरद पवार, शिवसेना(यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले और पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र' आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बने हुतात्मा चौक पर पुष्पांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की.
उद्धव ठाकरे ने सरकार पर बोला हमला
ठाकरे ने ‘गेटवे ऑफ इंडिया' पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की) माफी में अहंकार को देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी. एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस गलती (प्रतिमा ढहने की घटना) को माफ नहीं किया जा सकता. हम सभी यहां ‘भाजपा के भारत से बाहर जाने' की मांग को लेकर एकत्र हुए हैं.'' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग महान योद्धा के अपमान को कभी माफ नहीं करेंगे. ठाकरे ने मोदी की ‘‘गारंटी'' का उपहास उड़ाने के लिए प्रतिमा के ढहने, राम मंदिर में और नए संसद भवन परिसर में रिसाव का हवाला दिया.
शिवाजी का अपमान करने वालों को हराना होगा: उद्धव ठाकरे
ठाकरे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री किस बात के लिए माफी मांग रहे थे? उस प्रतिमा के लिए जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? उसमें शामिल भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए काडरों को शिवाजी महाराज का अपमान करने वाली ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. प्रतिमा का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है.'' प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पालघर में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं, बल्कि एक देवता हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘आज, मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं.''
यह भष्टाचार का उदाहरण: शरद पवार
पवार ने विरोध मार्च में कहा, ‘‘सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है. यह सभी शिवाजी प्रेमियों का अपमान है.'' कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने से बहुत पहले ही विपक्ष ने ऐसी ‘‘शिवाजी द्रोही'' (छत्रपति शिवाजी के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करने वाली) सरकार को सत्ता में आने देने के लिए मराठा योद्धा से माफी मांगी थी. आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा, ‘‘हमने संकल्प लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा.''
सुबह करीब 11 बजे के बाद शुरू हुए मार्च में हिस्सा लेने वालों में शाहू छत्रपति, राकांपा (एसपी) नेता एवं बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख शामिल रहे. मार्च दोपहर में समाप्त हो गया. हुतात्मा चौक पर शिवाजी की एक आवक्ष प्रतिमा स्थापित की गई. विरोध मार्च में शामिल लोगों ने प्रतिमा ढहने की घटना की निंदा करने वाली तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ नारे लगाए. शरद पवार ने विरोध मार्च के तहत कुछ दूरी तक पैदल यात्रा की.
सीएम एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये हमारे लिए बहुत दुखद बात है...शिवाजी महाराज हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकते, यह हमारे लिए पहचान और आस्था का मामला है. जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी. इस पर राजनीति करना और भी दुखद है और विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है. कर्नाटक में शिवाजी महाराज की मूर्ति को तोड़ने के लिए दो जेसीबी लाए गए थे, और उस मूर्ति को उखाड़ दिया गया, जिन्होंने ये किया उन्हें पीटा जाना चाहिए. इसके बजाय, वे MVA नेता यहां विरोध कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र के लोग समझदार हैं, वे इसे देख रहे हैं। आने वाले चुनावों में, महाराष्ट्र के लोग उन्हें जूतों से मारेंगे.
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