भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को शिवसेना विधायक भास्कर जाधव पर विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने और कुछ इशारे करने का आरोप लगाया, जिसके बाद विपक्षी विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई और कार्यवाही बाधित हो गई. वहीं विधायक जाधव ने दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर माफी मांगते हुए कहा कि उनके बोलने का यह स्वाभाविक तरीका है और उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी भी असंसदीय शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. फडणवीस के आरोप के अनुसार जाधव ने यह टिप्पणी तब की जब बिजली के मुद्दों पर ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा चल रही थी.
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भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने जानना चाहा कि राज्य के बिजली मंत्री नितिन राउत 100 यूनिट तक के बिजली शुल्क को माफ करने के अपने वादे से पीछे क्यों हट गए. इस पर राउत ने कहा कि उन्होंने केवल इतना कहा था कि शुल्क माफ करने पर विचार किया जाएगा. चूंकि बिजली विभाग ने लॉकडाउन अवधि के दौरान ग्राहकों को निर्बाध आपूर्ति प्रदान की, उसी के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा.
बिजली मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी किसानों से कुछ वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया. इसी दौरान, भास्कर जाधव ने कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की नकल की. इस पर फडणवीस ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में जाधव की टिप्पणियों और इशारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भाजपा के दूसरे विधायकों ने भी फडणवीस का साथ दिया और कहा कि जाधव ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है.
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भाजपा विधायक खड़े हो गए और जाधव से माफी की मांग की. उप अध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने कहा कि वह इस बात की जांच करेंगे कि क्या जाधव ने कोई असंसदीय टिप्पणी की और उसके अनुसार फैसला किया जाएगा. जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब (शिवसेना) ने कहा कि विधानमंडल में सभी दलों के नेताओं का सम्मान किया जाना चाहिए. जाधव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की.
शिवसेना विधायक ने कहा कि मैंने केवल उसी के बारे में बात की थी जो पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था जब वह (भाजपा के) प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. विरोध जारी रहने पर जाधव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई असंसदीय टिप्पणी नहीं की है. मेरे बात करने का तरीका ऐसा है कि मुझसे अनजाने में हाथ से इशारा हो गया. अगर मेरे हाव-भाव से सदन के सदस्यों को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं.
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