पंजाब में राष्ट्रपति शासन का विरोध करेगा अकाली दल, SAD संरक्षक बोले- 'PM की रैली में भीड़ भी नहीं थी'

सुखबीर ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देना चाहिए था. यह मामला राजनीति से परे है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.’’

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बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिम्मेदार हैं. (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:

पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य दौरे के दौरान किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए थी, सड़कें जाम नहीं की जानी चाहिए थी लेकिन दूसरी तरफ सच्चाई यह भी है कि उनकी रैली में भीड़ नहीं थी.

शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करना उस राज्य की जिम्मेदारी होती है जिस प्रदेश के दौरे पर प्रधानमंत्री जाते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ऐसा करने में विफल रही है.

बादल ने मलौट में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘रैली में भीड़ नहीं थी. लोग रैली में नहीं गए लेकिन फिर भी मैं कहता हूं कि चाहे कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री हो, उनके कार्यक्रम में किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए.''उन्होंने कहा, ‘‘वहां कोई भीड़ नहीं थी, क्योंकि लोग इस पार्टी को पसंद नहीं करते हैं.'' उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कृषक समुदाय के साथ अन्याय किया है.

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बादल ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने की बजाय भ्रष्ट और अक्षम कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बेदखल करना पंजाबियों पर छोड़ देना चाहिए.

इस बीच अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाती है तो उनकी पार्टी उसका पुरजोर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार पंजाब के लोग कांग्रेस के ‘‘भ्रष्ट एवं अक्षम'' शासन से निपटेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल संघवाद का प्रबल समर्थक है और मुख्य रूप से राष्ट्रपति शासन लागू करने जैसे केंद्र के कदमों का विरोध करता है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस भ्रष्ट, घोटालेबाज और दागी सरकार को उखाड़ फेंकने का काम पंजाबियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए. यह सरकार न केवल सभी मोर्चों पर विफल रही है, बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी असमर्थ है.''

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सुखबीर ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देना चाहिए था. यह मामला राजनीति से परे है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.''

सुखबीर बादल खडूर साहिब में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान गंभीर सुरक्षा चूक के बाद राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. सुखबीर बादल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान वरिष्ठ नेताओं अलविंदर सिंह पखोके और गुरबचन सिंह करमुवाला के आवासों का दौरा किया, जिसमें उनके साथ पूर्व मंत्री रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा भी थे. उन्होंने इस मौके पर पखोके की सेवाओं की भी सराहना की और इस निर्वाचन क्षेत्र से ब्रह्मपुरा की उम्मीदवारी को पूरे दिल से समर्थन देने का ऐलान किया.

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इस बीच मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बादल ने कहा कि कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन हुआ है और इसके लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है कि सुरक्षा चूकों की अभी तक पर्याप्त पहचान नहीं की जा सकी है और इस मामले में अभी तक उचित कार्रवाई भी नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को प्रधान मंत्री की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देना चाहिए था. 

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बादल ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस सरकार ने राज्य पुलिस बल का राजनीतिकरण किया है, वह भी वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, “राज्य ने शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के कई बदलाव देखे हैं, जिनमें राज्य के पुलिस प्रमुख भी शामिल हैं, जो विशुद्ध रूप से शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ पंजाब कांग्रेस के प्रतिशोध अभियान को संतुष्ट करने का उदाहरण है. इससे कमान की श्रृंखला ध्वस्त हो गई है और पुलिस के फैसलों का राजनीतिकरण हो गया है."

यह कहते हुए कि चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री के रूप में गिने-चुने दिन बच गए हैं, बादल ने कहा, “हमें उन्हें पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता नहीं है. गैंगस्टरों को संरक्षण देकर राज्य को जंगल राज की स्थिति में ले जाने के अलावा लोगों से किए गए किसी भी वादे को पूरा करने में विफल रहने के लिए उन्हें और कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए पंजाबियों को वोट देने का बेसब्री से इंतजार है.

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बादल ने यह भी कहा कि लोगों ने महसूस किया कि सिर्फ अकाली दल ही क्षेत्रीय आकांक्षाओं की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा, “अकाली दल के पास लोगों से किए गए हरेक वादे को लागू करने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है और हम राज्य में एक मजबूत और स्थिर सरकार जो शांति, विकास और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करे, देने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

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