कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मंगलवार को उन नेताओं की एक सूची साझा की, जिनके भाजपा में शामिल होने के बाद कथित रूप से भ्रष्टाचार की जांच बंद कर दी गई. इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' के नारे पर तंज कसते हुए कहा कि शायद 'वह केवल बीफ के बारे में बात कर रहे थे.' थरूर का तंज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और AAP नेता मनीष सिसोदिया के आबकारी नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार होने और फिर सीबीआई की पांच दिन की हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद आया है.
उन्होंने ट्विटर पर आठ नेताओं की एक सूची साझा की है, जिसे सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित किया जा रहा है. इनमें असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, सुवेंदु अधिकारी, भावना गवली, यशवंत जाधव, यामिनी जाधव, प्रताप सरनाइक और नारायण राणे हैं, जो भाजपा या उसके सहयोगी दलों में शामिल हो गए.
थरूर द्वारा साझा सूची के स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि भाजपा के समर्थन में पाला बदलने के बाद इन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच रुक गई.
थरूर ने पीएम मोदी के भ्रष्टाचार विरोधी नारे का जिक्र करते हुए कहा, "यह (सूची) जैसे मेरे पास आई है, वैसी साझा कर रहा हूं. हमेशा ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा‘ के अर्थ को लेकर हैरान रहता था. मुझे लगता है कि वह केवल बीफ के बारे में बात कर रहे थे!"
सीबीआई ने रविवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली के आबकारी घोटाले मामले में आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. आबकारी नीति को अब रद्दकर दिया गया है. इसे लेकर एजेंसी का कहना है कि इसके निर्माण और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं.
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