दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally Violence) के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत के बारे में कथित तौर पर असत्यापित खबर साझा करने के आरोप पर दर्ज FIR के खिलाफ कांग्रेस नेता और सांसद डॉक्टर शशि थरूर (Shashi Tharoor), पत्रकार राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) व अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज सुनवाई की. सभी को राहत देते हुए शीर्ष अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. अदालत ने केंद्र, दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट अब दो हफ्ते बाद इस मामले में सुनवाई करेगी. तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि उन ट्वीट का गंभीर प्रभाव पड़ा है.
शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ और विनोद के जोस की एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की. CJI एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने सुनवाई की. अदालत ने सुनवाई के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए दो हफ्ते बाद सुनवाई करने का आदेश दिया.
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बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कथित रूप से "गलत" तरीके से खबर फैलाने के लिए कई पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं. उन सभी पर भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह, आपराधिक साजिश और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित कई आरोप हैं. आरोपियों की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि इन FIR को रद्द किया जाए.
26 जनवरी हिंसा : ‘भ्रामक' ट्वीट के आरोप में दर्ज FIRs के खिलाफ SC पहुंचे शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई
दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, 'कारवां' पत्रिका और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इससे पहले थरूर और छह पत्रकारों पर नोएडा पुलिस ने दिल्ली में किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड' के दौरान हिंसा को लेकर तथा अन्य आरोपों के साथ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. मध्य प्रदेश पुलिस ने भी दिल्ली में किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड' के दौरन हिंसा पर ‘‘भ्रामक'' ट्वीट करने के आरोप में थरूर एवं छह पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
VIDEO: शशि थरूर-राजदीप सरदेसाई के खिलाफ दिल्ली में FIR