इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर देश में ही नहीं देश से बाहर भी चर्चा का विषय बनता दिख रहा है. देश के भीतर तो बंगाल सरकार की इस कार्रवाई को लेकर अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. बीजेपी लगातार टीएमसी और ममता सरकार पर हमलावर है. वहीं अब मुद्दे पर शर्मिष्ठा को दूसरे देशों से भी समर्थन मिलता दिख रहा है. डच संसद के सदस्य और दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा है कि इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है कि वह इस मामले में दखल दें.
गीर्ट वाइल्डर्स ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक एक्स पोस्ट भी किया. इस पोस्ट में उन्होंने कहा कि बहादुर शर्मिष्ठा पनोली को रिहा करो! यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान की बात है कि उसे गिरफ्तार किया गया. पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उसे सज़ा मत दो. मोदी जी आप मदद करें.
आपको बता दें कि कोलकाता पुलिस ने लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को शुक्रवार को सोशल मीडिया वीडियो के लिए गिरफ्तार किया, जिसमें उसने अपमानजनक और सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल किया था और बॉलीवुड अभिनेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नहीं बोलने के लिए निशाना बनाया था. जो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का जवाबी हमला था जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे.
इस इंफ्लुएंसर की गिरफ्तारी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें भाजपा और उसके सहयोगी बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. कोलकाता में एक शिकायत के बाद शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ दर्ज की गई FIR में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं को धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए कार्य और शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से जोड़ा गया है। उसे अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.