समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में रविवार सुबह निधन हो गया. मुलायम सिंह के निधन से राजनीतिक जगत में शोक है. सभी नेता उनके साथ अपने-अपने अनुभव साझा कर रहे हैं. वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शरद यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि मैं आज जो भी हूं, उसमें मुलायम सिंह यादव का बहुत बड़ा हाथ है.
शरद यादव ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं जब जबलपुर में लोकसभा चुनाव हारा, तो कुछ ही दिन बाद मुलायम सिंह ने मुझे राज्यसभा में पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि 1996 में मुलायम सिंह के प्रधानमंत्री बनने की परिस्थितियां बन गई थी, लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिस पर अभी बोलना मैं ठीक नहीं मानता.
शरद यादव ने कहा कि अगर मुलायम सिंह प्रधानमंत्री बनते तो गांव और किसानों की जिंदगी सवार देते. उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की राजनीति का सबसे बड़ा नेता चला गया. मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. आज राजनीति में शून्य सा आ गया है.
सैफई में मंगलवार को मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार किया जाएगी. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे. निधन के बाद उनके सम्मान में समाजवादी पार्टी का झण्डा झुका दिया गया है. निधन का समाचार आते ही उनके लाखों प्रशंसक, समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शोक में डूब गए.
नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. वो वर्तमान में लोकसभा में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया की पत्नी साधना गुप्ता का इसी साल जुलाई में निधन हो गया था.
मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन 1991 में जनता दल टूट गया. हालांकि 1993 में उन्होंने फिर यूपी में सरकार बनाई, ये सरकार भी मायावती के साथ टकराव के बीच कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी. तीसरी बार वो 2003 में मुख्यमंत्री बने और 2007 तक इस पद पर बनें रहे.