राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने आज कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति का उनका फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए था कि राकांपा की नेतृत्व टीम के पास देश भर में पार्टी के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त हाथ हों. प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद पवार ने आज संवाददाताओं से कहा, "देश में स्थिति ऐसी है कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति को देना गलत होगा." यह पूछे जाने पर कि क्या पटेल और सुले को नियुक्त करने का निर्णय उनके भतीजे अजित पवार को बुरा नहीं लगेगा, राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनका भतीजा पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां संभाल रहा है. अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.
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प्रफुल्ल पटेल ने यह कहा...
शरद पवार ने एनसीपी की 24वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की. अजित पवार ने 2019 में भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के साथ सुबह के शपथ ग्रहण समारोह में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. आज अजित पवार इस घोषणा से काफी खफा नजर आए और पत्रकारों से बात किए बिना ही मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय से निकल गए. हालांकि, प्रफुल्ल पटेल इस घोषणा से हैरान थे. पटेल ने कहा कि वह पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे. पटेल ने कहा, "मैं 1999 से पवार साहब के साथ काम कर रहा हूं. इसलिए, यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं है. बेशक, मैं कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत होकर खुश हूं. मैं पार्टी के पदचिह्न को बढ़ाने के लिए काम करना जारी रखूंगा."
सुप्रिया सुले ने यह कहा...
पवार ने प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, गोवा और राज्यसभा का एनसीपी का प्रभारी भी बनाया. वहीं सुप्रिया सुले महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब में एनसीपी मामलों और महिलाओं, युवाओं, छात्रों और लोकसभा से संबंधित मुद्दों की प्रभारी होंगी. सुले ने ट्वीट किया, "मैं एनसीपी अध्यक्ष पवार साहब और सभी वरिष्ठ नेताओं, पार्टी सहयोगियों, पार्टी कार्यकर्ताओं और एनसीपी के शुभचिंतकों को प्रफुल्ल पटेल भाई के साथ कार्यकारी अध्यक्ष की इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए आभारी हूं." महाराष्ट्र की प्रभारी होने के कारण सुप्रिया सुले को अब अजित पवार पार्टी के मामलों पर रिपोर्ट देंगे. इससे एनसीपी में बेचैनी हो सकती है. शरद पवार ने जून 1999 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संबंधित एक मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस से निकाले जाने के बाद तारिक अनवर और पीए संगमा के साथ एनसीपी का गठन किया था.
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