नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी समेत कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के घर पर मंगलवार को लंबी बैठक की जो ढाई घंटे तक चली. पूरे दिन राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की एक नई कवायद के तौर पर चर्चा चलती रही. हालांकि NCP ने साफ किया है कि शरद पवार ने ऐसी कोई पहल शुरू नहीं की है. बैठक में यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच की तरफ से लगभग सभी विपक्षी दलों के नेताओं को न्योता दिया गया था.
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बैठक को लेकर जब NCP के नेता माजिद मेमन से पूछा गया कि क्या यह बैठक राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एक ही मंच पर लाने की कवायद का हिस्सा था? तो उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत होगा कि राष्ट्र मंच की बैठक एंटी बीजेपी फ्रंट बनाने की विपक्ष की एक कोशिश थी. यह बैठक राष्ट्र मंच की पहल पर हुई. यह बैठक शरद पवार ने नहीं बुलाई थी.' माजिद मेमन ने माना कि उन्होंने खुद कांग्रेस नेताओं - मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, केटीएस तुलसी और विवेक तन्खा को न्योता दिया था. लेकिन कांग्रेस का कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ.
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बैठक में 8 राजनीतिक दलों के नेताओं, नए के साथ-साथ कई पुराने सांसदों, कानूनी विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों ने भी भाग लिया. बैठक में कोरोनावायरस के दौर में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, लोकतांत्रिक संस्थाओं को कथित तौर पर कमजोर करने की कोशिशों के साथ-साथ देश के राजनीतिक हालात की विस्तार से समीक्षा की गई. सीएमएम नेता नीलोत्पल बसु ने NDTV से कहा, 'यह एक समान सोच वाले राजनीतिक दलों की बैठक थी.'अब राष्ट्र मंच के संयोजक यशवंत सिन्हा आने वाले दिनों में और बड़े स्तर पर समान सोच वाले नेताओं को फिर बुलाने की तैयारी कर रहे हैं.