नेपाल से बिहार पहुंची शालिग्राम शिलाएं, स्‍वागत के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

नेपाल के जनकपुर से चलकर शालिग्राम पत्थर मोतिहारी के मेहसी और चकिया पहुंच गया है. दर्शन पूजन के लिए जगह-जगह लोगों की भारी भीड़ लग गई है. शालिग्राम पत्थर देख लोगों ने जमकर लगाए जय श्री राम के नारे और शिला का किया दर्शन पूजन.

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चंपारण: नेपाल से चले शालिग्राम पत्थर का पूर्वी चम्पारण जिला की सीमा में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. हजारो की संख्या में इंतजार कर रहे महिला-पुरुषों ने फूलों की बारिश कर स्वागत किया. मुजफ्फरपुर से सटे मेहसी के मगुरहां सीमा पर भाजपा विधायक शायमबाबू यादव के नेतृत्व में स्वागत किया गया. नेपाल से चले शालिग्राम का अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के बाल्यकाल की मूर्ति का निर्माण इस शालिग्राम से किया जाएगा. करीब छह साल पुराने शालिग्राम को नेपाल ने भारत को स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर में लगाया जाएगा. नेपाल भगवान का ससुराल और माता जानकी की जन्मभूमि होने के कारण इस शालिग्राम का महत्व काफी बढ़ गया है.

इस शालिग्राम पत्थर का भारतवासियों के लिए विशेष महत्‍व है. 26 जनवरी को नेपाल के काली गंडकी नदी से आध्यात्मिक पत्थर शिला को वैदिक मंत्रोचार और कई अनुष्ठान के साथ रवाना किया गया था. यह मधुबनी दरभंगा के रास्ते होते देर रात मुजफ्फरपुर पहुंचा. जहां जगह-जगह पर फूल मालाओं से स्वागत किया गया. कांटी थाना क्षेत्र के मां छिन्मस्तिका मंदिर में शालिग्राम शिला ले जा रही गाड़ियों का ठहराव किया गया. वैदिक मंत्रोचार के साथ ही महा आरती करके गोपालगंज के लिए रवाना किया गया.  इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

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बता दें कि नेपाल सीमा से लाए जा रहे इन दो पत्थरों में एक 26 टन का और दूसरा 14 टन वजन का है.

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