बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) ने उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें यह दावा किया गया था कि कतर में भारतीय अधकारियों को सजा मुक्त करवाने के फैसले में शाहरुख खान की भूमिका रही है. शाहरुख खान की टीम की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर इस तरह के दावों को गलत बताया गया है. शाहरुख खान की टीम की तरफ से कहा गया है कि इस तरह के दावे निराधार हैं. इस कार्य में उनकी कोई भी भूमिका नहीं रही है. इस कार्य को पूरी तरह से भारत सरकार के अधिकारियों ने अंजाम दिया है.
पूरे मामले पर कहा गया है कि यह कूटनीति से जुड़े मामले हैं. इसे हमारे सक्षम नेताओं और अधिकारियों ने पूरा किया है. साथ ही कहा गया है कि कई अन्य भारतीयों की तरह शाहरुख खान भी इस बात से बेहद खुश हैं कि नौसेना के अधिकारियों की सुरक्षित घर वापसी हुई है.
बॉलीवुड मेगास्टार हाल ही में एएफसी फाइनल में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए कतर की राजधानी दोहा पहुंचे थे. संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद पीएम मोदी भी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए बुधवार को कतर जाएंगे.
सुब्रमण्यम स्वामी ने किया था दावा
सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया एक्स पर पीएम मोदी के एक पोस्ट के जवाब में इसका दावा किया था. उन्होंने लिखा था कि पीएम मोदी को शाहरुख खान को अपने साथ कतर ले जाना चाहिए. क्योंकि विदेश मंत्रालय और एनएसए कतर के शेखों को मनाने में विफल रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले में शाहरुख खान से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था. इस तरह हमारे नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मुक्त करने के लिए कतर के शेखों से समझौता किया गया.
अगस्त 2022 में 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को किया गया था गिरफ्तार
नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. ये सभी भारतीय नागरिक दहारा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे. हालांकि, उन पर लगे आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था.
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