देश के कई इलाकों में सूरज की तपिश असहनीय होती जा रही है. भीषण गर्मी से हर कोई परेशान है. दोपहर में सड़कों पर आवाजाही बेहद कम है और लोग बढ़ते तापमान के बीच घरों से निकलने से कतरा रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने अगले पांच दिनों तक देश के अलग-अलग राज्यों में भीषण गर्मी और लू (Heatwave) को लेकर चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के कई हिस्सों और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू से भीषण लू चलने की संभावना जताई है. साथ ही राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के साथ ही पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भी लू चलने का अनुमान जताया है.
मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों के लिए लू और भीषण गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ और दिल्ली के कई इलाकों में 19 से 23 मई तक लू से भीषण लू चलने की संभावना है. वहीं पश्चिम राजस्थान में 21 से 23 मई और पूर्वी राजस्थान में 22 और 23 मई को लू की आशंका जताई गई है. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 19 से 21 मई और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 19 और 20 मई को लू चलने का अनुमान जताया गया है.
केरल को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने केरल और माहे को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. विभाग ने केरल और माहे के लिए 19 और 22 मई के दौरान अत्यधिक भारी बारिश और 23 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है.
मौसम विभाग ने केरल और माहे को लेकर भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग ने केरल और माहे के लिए 19 और 22 मई के दौरान अत्यधिक भारी बारिश और 23 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है. उन्होंने रेड अलर्ट जारी किया है.
निकोबार द्वीप पहुंचा मानसून, 31 को केरल पहुंचने की उम्मीद
हालांकि गर्मी से जूझ रहे उत्तर भारत के लोगों के लिए दक्षिण भारत से अच्छी खबर आई है. मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण पश्चिमी मानसून ने रविवार को निकोबार द्वीप पर दस्तक दे दी है.
मौसम कार्यालय के मुताबिक, "दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है." उम्मीद की जा रही है कि मानसून 31 मई तक केरल पहुंच जाएगा.
मौसम विभाग ने जताया है सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
आईएमडी ने पिछले महीने ला नीना की अनुकूल स्थितियों के कारण सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान जताया था. ला नीना की स्थितियां भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश में मदद करती हैं. जून और जुलाई को कृषि के लिए मानसून के सबसे महत्वपूर्ण महीने माना जाता है क्योंकि इस अवधि के दौरान अधिकतर खरीफ फसलों की बुआई होती है.
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