अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद सहित सात अलगाववादियों को एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया है.
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कश्मीर घाटी में आतंकवाद के लिए फंडिंग का मामला
एनआईए को मिले हैं अलगाववादियों के खिलाफ अहम सबूत
एलओसी ट्रेड से जुड़े करीब 50 व्यापारी एनआईए की जांच के घेरे में
कोर्ट में एनआईए ने कहा कि गिरफ्तार किए गए हुर्रियत के नेताओं का रिश्ता न सिर्फ घाटी में हिंसा फैलाने से है बल्कि उस क्रॉस एलओसी ट्रेड से भी है जो कश्मीर और पाकिस्तान के बीच होता है. एनआईए ने अदालत से आरोपियों की हिरासत मांगी थी ताकि उनसे हिरासत में पूछताछ की जा सके.
एनडीटीवी इंडिया को एनआईए से पता चला है कि गिलानी का दामाद अलताफ़ फंटूश और उसका दाहिना हाथ माने जाने वाले अयाज़ अकबर खानडे के पास से इस बात के सबूत मिले हैं कि एलओसी ट्रेड से जो मुनाफा होता है उसका कुछ हिस्सा घाटी में हिंसा फैलाने के लिए इस्तेमाल होता है. एनआईए को इन दोनों के पास से कुछ रसीदें और कागजात मिले हैं जिनसे यह साबित होता है कि पाकिस्तान से भेजा हुआ पैसा कैसे पत्थरबाजों को पहुंचाया जाता था. यही नहीं कुछ चश्मदीद भी हैं जो यह कह रहे हैं कि उनके सामने गिलानी के साथियों - मेहराज कलवल और पीर सैफुल्लाह को कुछ व्यापारी पैसा भेजा करते थे.
एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि "जो पैसा सरप्लस जनरेट हो रहा है उसे यह नेता घाटी में हिंसा फैलने के लिए इस्तेमाल करते थे. हमें यकीन है कि इन गिरफ्तारियों का असर घाटी में पड़ेगा और माहौल बदलेगा." एनआईए का कहना है कि एलओसी ट्रेड से जुड़े करीब 50 व्यापारी उसकी जांच के घेरे में हैं.
उधर इन गिरफ्तारियों के विरोध में घाटी में हुर्रियत ने बंद बुलाया था लेकिन उसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला. डीजीपी जम्मू कश्मीर एसपी वेद ने कहा "घाटी में लोग जान गए हैं कि इन नेताओं की असलियत क्या है इसीलिए आज इन्होंने बंद का कॉल किया लेकिन कश्मीर में इसका असर नहीं पड़ा."
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कोर्ट को एनआईए ने बताया कि इन आरोपियों के घर से उन्हें दो करोड़ रुपये नकद के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ कई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के लेटरहेड मिले थे.
जिला न्यायाधीश पूनम ए बाम्बा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुरोध को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए हिरासत में भेजने का आदेश पारित किया. एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंक और विध्वंसक क्रियाकलापों के कथित वित्तपोषण के मामले की जांच के संबंध में कल गिरफ्तार आरोपियों की 18 दिन की हिरासत मांगी थी.
VIDEO : आतंकियों के मददगार गिरफ़्तार
आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता रजत कुमार ने हालांकि एजेंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि एनआईए इस मामले की एक महीने से जांच कर रही है.
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