एकनाथ शिंदे गुट को झटका : शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजन की अर्ज़ी हाईकोर्ट में खारिज

हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले बीएमसी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के 2004 के एक आदेश का हवाला दिया था, जिसमें लिखा है कि न्यायालयों को कानून और व्यवस्था के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इसे प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली:

मुंबई में टीम एकनाथ शिंदे द्वारा शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले बीएमसी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के 2004 के एक आदेश का हवाला दिया था, जिसमें लिखा है कि न्यायालयों को कानून और व्यवस्था के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इसे प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए. फैसला सुनाते समय,अदालत ने कहा कि बीएमसी ने उसी दिन पुलिस रिपोर्ट मांगी जिस दिन ठाकरे गुट ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. अदालत ने यह भी कहा कि शिवाजी पार्क में दोनों गुट को दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं देने का बीएमसी का फैसला कहीं से भी उचित नहीं है. 

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान शिवसेना(ठाकरे गुट) की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में एडवोकेट एसपी चिनॉय ने कहा, "शिवसेना 1966 से शिवाजी पार्क मे दशहरा रैली का आयोजन करता आया है. सिर्फ कोरोना काल मे दशहरा मेला का आयोजन नहीं किया गया था. अब कोविड के बाद सारे फेस्टिवल मनाए जा रहे है. ऐसे मे इस साल 2022 में शिवसेना की ओर दशहरा मेला आयोजित करने के लिए इजाजत दी जाए. 

वहीं, बहस के दौरान शिंदे गुट ने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्य नेता हैं. ठाकरे गुट का दावा भ्रामक व गलत तथ्यों पर आधारित है. वहीं, ठाकरे गुट ने परंपरागत रैली शिवाजी पार्क में ही करने की इजाजत देने की मांग की है. शिंदे गुट के वकील मिलिंद साल्वे ने कहा, " शिवाजीपार्क एक खेलने का मैदान है और साइलेंट जोन मे आता है. साल 2016 का GR है, जिसमे कहा गया है की दशहरा मेला के लिए शिवाजी पार्क में इजाजत है, लेकिन उसी GR मे यह भी कहा गया है कि अगर कोई लॉ एंड ऑडर की समस्या होगी तो वहां कोई भी आयोजन नहीं किया जा सकता है."

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