दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव से मारपीट मामले में केजरीवाल-सिसोदिया को राहत, कोर्ट ने खारिज की याचिका

ये मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर हुए कथित हमले से संबंधित है.

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अंशु प्रकाश ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पिटाई मामले में दाखिल की गई याचिका को दिल्ली की सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है. दिल्ली की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को साजिश के मामले में क्लीन चिट दी थी. जिसके खिलाफ अंशु प्रकाश ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई है. ये मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर हुए कथित हमले से संबंधित है.

अंशु प्रकाश की रिवीज़न पेटिशन को राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज किया है. जिसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 विधायकों  को मिली राहत बरकरार रहेगी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर सेशन कोर्ट ने भी मुहर लगाई है. 

दरअसल 11 अगस्त 2021 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से मुक्त कर दिया था. प्रकाश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल से कहा था कि निचली अदालत ने मामले में नेताओं को आरोपमुक्त करने के अपने फैसले में गलती की.

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उन्होंने यह भी कहा था कि ‘आप' सरकार ने जांच एजेंसी के लिखित अनुरोध के बावजूद दिल्ली पुलिस को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी. निचली अदालत ने केजरीवाल, सिसोदिया और आप के अन्य विधायकों राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, राजेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया को आरोप मुक्त कर दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)

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