वरिष्ठ IPS अधिकारी प्रवीण सूद ने CBI के नए निदेशक के रूप में संभाला कार्यभार

प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं. वह कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक थे और जायसवाल के बाद देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं.

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सीबीआई के नए निदेशक प्रवीण सूद

नई दिल्ली: वरिष्ठ IPS अधिकारी प्रवीण सूद ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक के रूप में पदभार संभाल लिया. वह दो साल तक इस पद पर रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि अपने अंतिम कार्य दिवस के दिन निवर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने सूद को यहां सीबीआई मुख्यालय में एजेंसी का प्रभार सौंपा.

सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं. वह कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक थे और जायसवाल के बाद देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक में सूद के नाम को मंजूरी दी गई थी.

कहा जाता है कि कांग्रेस नेता चौधरी ने अगले सीबीआई निदेशक के रूप में सूद के चयन पर एक असहमति नोट दिया था. वर्ष 1964 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में जन्मे सूद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 22 साल की उम्र में आईपीएस में शामिल हुए थे. उनके पास भारतीय प्रबंधन संस्थान-बेंगलुरु और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से स्नातकोत्तर की डिग्री भी है.

सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अपनी 37 वर्षों की सेवा के दौरान, सूद ने कर्नाटक पुलिस में बेल्लारी और रायचूर जिलों के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), बेंगलुरु शहर; पुलिस आयुक्त, मैसूर शहर और बेंगलुरु शहर; अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक; प्रधान सचिव (गृह); पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) और पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है.

अपने व्यवहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले इस अधिकारी ने कई बड़े व्यक्तियों से जुड़े हाई प्रोफाइल मामलों और अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले मामलों की जांच की निगरानी की है. बयान में कहा गया कि उन्होंने साइबर अपराध और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी जांच की निगरानी की. तकनीकी जानकार अधिकारी ने न्यायपालिका के साथ-साथ कर्नाटक में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) और आईसीजेएस (इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) को मजबूत करने के लिए भी काम किया.

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