पश्चिम एशिया में बढ़ रहे तनाव के बीच, सीरिया में अपने दूतावास पर हवाई हमले के जवाब में ईरान द्वारा इजरायल पर 300 ड्रोन दागने के बाद अब स्थिति और बदतर हो गई है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि वैश्विक शत्रुता और युद्ध की आशंका के बीच, केंद्र में एनडीए के लिए प्राथमिकता संघर्ष क्षेत्रों में साथी भारतीयों के जीवन को सुरक्षित करना होगा. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी द्वारा घोषणा पत्र जारी किए जाने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचंड बहुम के साथ सत्ता में लौटने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इससे सरकार को वैश्विक चुनौतियों से निपटने और विदेश में फंसे भारतीय मूल निवासियों को बचाने में मदद मिलेगी.
पार्टी के 'संकल्प पत्र' के अनावरण के बाद, दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी नेताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कुछ हिस्से 'युद्ध जैसी' स्थिति का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "आज दुनिया में अनिश्चितता के बादल छा रहे हैं. कई क्षेत्रों में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है और दुनिया तनावग्रस्त है. ऐसे समय में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक प्राथमिकता और सर्वोपरि कार्य बन जाता है".
पीएम मोदी ने कहा, "ऐसे समय में जब युद्ध का डर दुनिया पर छाया हुआ है, पूर्ण बहुमत के साथ एक मजबूत और स्थिर सरकार का चुना जाना और भी आवश्यक है. हमारे पास एक ऐसी सरकार होनी चाहिए जो देश को आर्थिक रूप से मजबूत और अधिक लचीला बनाए. वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए हमें 'विकसित भारत' के अपने अंतिम लक्ष्य तक ले जाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना चाहिए, अगर भाजपा फिर से चुनी जाती है तो इसे पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है".
पूर्वी यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष और गाजा में हमास के खिलाफ इजरायली हमले के संदर्भ में देखा जाए तो पीएम मोदी की यह टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. अपने दूसरे कार्यकाल में भी, जब संघर्ष क्षेत्रों से संकटग्रस्त भारतीयों को हवाई मार्ग से लाने की बात आई तो भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और भारतीयों को सुरक्षित देश वापस लाने में भी कामयाब रही.
जैसे ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव एक पूर्ण सैन्य संघर्ष में बदल गया, भारत सरकार द्वारा यूक्रेन में फंसे नागरिकों को बचाने के लिए एक निकासी मिशन शुरू किया गया था. 'ऑपरेशन गंगा' की घोषणा 26 फरवरी, 2022 को की गई थी और इसे 11 मार्च, 2022 तक चलाया गया था. इस मिशन के हिस्से के रूप में, वायु सेना के विमानों के साथ-साथ निजी उड़ानों ने संघर्ष क्षेत्रों में फंसे मूल निवासियों को वापस लाने के लिए कई उड़ानें भरी थीं. ऑपरेशन के परिणामस्वरूप लगभग 25,000 भारतीय नागरिकों के साथ-साथ 18 अन्य देशों के नागरिकों को निकाला गया था.
इसी तरह की बचाव योजना में, पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र ने इजरायल में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया गया था. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर तक 1,309 भारतीय नागरिकों, 14 ओसीआई कार्ड धारकों और इजरायल से 20 नेपालियों को 'ऑपरेशन अजय' के तहत बचाया गया था.