केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बंगाल से बेहतर सुरक्षा है. इस पर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सिन्हा की यह टिप्पणी पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैनिकों के मारे जाने और तीन के घायल होने के एक दिन बाद आई है. कल दोपहर में राजौरी के पुंछ क्षेत्र में डेरा की गली से गुजर रहे सेना के दो वाहनों पर आतंकवादियों के गोलीबारी करने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई थी.
आतंकी हमले को "दुर्भाग्यपूर्ण घटना" बताते हुए सिन्हा ने कहा, "हमारा पड़ोसी ऐसे गलत इरादों वाले कृत्यों को अंजाम देता है. आतंकवाद वहां अपनी आखिरी सांसें ले रहा है और हम आतंकवाद और उसके इको सिस्टम को खत्म करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति पर काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि आप जल्द ही इसके परिणाम देखेंगे.”
कश्मीर में सुरक्षा को लेकर मजदूरों में भय व्याप्त होने पर सिन्हा ने कहा, "कश्मीर में सुरक्षा पश्चिम बंगाल से बेहतर है."
बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बंगाल की सुरक्षा की तुलना कश्मीर से करने पर उप राज्यपाल पर निशाना साधा. टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "राज्यपाल की कुर्सी का दुरुपयोग करने के बजाय, संबंधित व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से परामर्श करना चाहिए. उन्हें पुलवामा और जम्मू-कश्मीर से संबंधित अन्य चीजों के बारे में जानकारी मिलेगी."
घोष ने कहा कि, "केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल सबसे सुरक्षित है. कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर है और बंगाल सबसे सुरक्षित राज्य है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं, सुनियोजित घटनाएं हो रही हैं. इसलिए उन्हें बीजेपी कैडर की तरह अपनी कुर्सी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए."
उपराज्यपाल ने कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर में उद्योग के दायरे पर एक विशेष सत्र को संबोधित किया. उद्योगपतियों को घाटी में आमंत्रित करते हुए, सिन्हा ने कहा, "ऐसी धारणा थी कि निवेश ज्यादातर जम्मू में आता है. लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि योजनाबद्ध निवेश में 90,000 करोड़ रुपये दोनों स्थानों पर लगभग बराबर हैं."
सिन्हा ने कहा कि, "मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि जम्मू-कश्मीर में (निवेश का) बेहतर माहौल है. मैं कोई राजनीतिक बयान नहीं दे रहा हूं. लेकिन अगर आप वहां आएंगे, तो आप खुद इसका अनुभव करेंगे और मुझसे ज्यादा जोर से कहेंगे."
उप राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में भी बात की.