धर्मनिरपेक्षता को अब तुष्टीकरण कहा जा रहा है: पी. चिदंबरम

चिदंबरम ने यहां सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय में 'लोकतंत्र का भविष्य' विषय पर एक व्याख्यान में कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की गलत व्याख्या की जा रही है. उन्होंने कहा, ''तुष्टीकरण शब्द (धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा) को बदनाम करने का एक प्रयास है.''

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कोलकाता: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द को अब तुष्टीकरण कहा जा रहा है. चिदंबरम ने यहां सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय में 'लोकतंत्र का भविष्य' विषय पर एक व्याख्यान में कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की गलत व्याख्या की जा रही है. उन्होंने कहा, ''तुष्टीकरण शब्द (धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा) को बदनाम करने का एक प्रयास है.''

उन्होंने चेहरे पर मुस्कान के साथ कहा, “यदि आप हिंदू नहीं हैं, तो आप आधे नागरिक हैं. यदि आप मुसलमान हैं, तो आप नागरिक नहीं हैं.” चिदंबरम ने कहा कि चुनाव में धर्म का जिक्र नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा, “लेकिन आज चुनाव में यह काफी हद तक हो रहा है.” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि धर्म आस्था पर आधारित होना चाहिए. चिदम्बरम ने कहा कि एक राजनीतिक दल लगातार हिंदुओं के अलावा किसी अन्य को उम्मीदवार बनाने से इनकार करता आ रहा है और इसकी मूल संरचना “अखंड भारत, हिंदू राष्ट्र” लगती है.

उन्होंने कहा, “धर्म ही निर्णायक कारक नजर आता है.” उन्होंने कहा कि देश केंद्रीकरण की ओर बढ़ रहा है जो लोकतंत्र के विपरीत है. चिदंबरम ने कहा, “हम लोकतंत्र को बढ़ावा देने वाले संस्थानों को कमजोर कर रहे हैं.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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