तेलंगाना में एसएलबीसी सुरंग में फंसे सात लोगों की अभी भी तलाश जारी

तलाशी अभियान की निगरानी कर रहे राज्य के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने विभिन्न संगठनों के अधिकारियों के साथ बैठक की. कुमार ने गुरप्रीत सिंह का शव सफलतापूर्वक निकालने के लिए बचाव कर्मियों की सराहना की.

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तेलंगाना के नागरकुरनूल में आंशिक रूप से ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग में फंसे सात लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान सोमवार को भी जारी रहा. तलाशी अभियान में एनडीआरएफ, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य टीमें श्वानों एवं रडार सर्वेक्षण द्वारा बताए गए विशिष्ट स्थानों पर काम कर रही हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बरामद गुरप्रीत सिंह के शव को शव वाहन के जरिए पंजाब में उनके पैतृक स्थान भेजा गया है. हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षणों के अनुसार, बचाव कर्मी संदिग्ध स्थानों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि तलाश में केरल पुलिस के मानव अवशेष खोजी श्वानों (एचआरडीडी) ने भी मदद की. उन्होंने बताया कि अब तक दो बार कुत्तों को सुरंग के अंदर भेजा जा चुका है और 11 मार्च को उन्हें फिर से भेजा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि कैमरा, मॉड्यूल, उपकरणों तथा अन्य सभी निगरानी सामग्री के साथ एक रोबोट 11 मार्च तक और एक अन्य 14 मार्च तक चालू हो जाएगा. सुरंग के अंदर काम कर रही तीनों खुदाई मशीनों ने धातु के अधिकांश मलबे को साफ कर दिया है और वे टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पिछले हिस्से से करीब 100 मीटर दूर हैं.

तलाशी अभियान की निगरानी कर रहे राज्य के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने विभिन्न संगठनों के अधिकारियों के साथ बैठक की. कुमार ने गुरप्रीत सिंह का शव सफलतापूर्वक निकालने के लिए बचाव कर्मियों की सराहना की.

इस बीच, गुरप्रीत सिंह के परिवार के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का चेक संबंधित टीम को दिया गया है ताकि इसे परिवार को सौंपा जा सके. अधिकारी के अनुसार, यह राशि सुरंग निर्माण कार्य में शामिल रॉबिन्स कंपनी द्वारा प्रदान की गई बीमा राशि (वेतन का 50 गुना) से अलग है.

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एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि खोज अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी व्यवस्थायें की गई हैं. रॉबिन्स कंपनी के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले गुरप्रीत सिंह 22 फरवरी को सुरंग के आंशिक रूप से ढहने के बाद उसके मलबे के अंदर फंसे आठ लोगों में से एक थे.

सिंह का शव 48 घंटे से अधिक समय तक ‘बहुत सावधानी से' खुदाई और अन्य प्रयासों के बाद निकाला जा सका. एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि शव लगभग 10 फुट की गहराई पर गाद के नीचे दबा हुआ था.

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सिंह की पहचान उसके बाएं कान की बाली और दाहिने हाथ के गोदने के आधार पर की गई. गुरप्रीत के अलावा फंसे हुए सात अन्य लोगों में मनोज कुमार (उप्र), सनी सिंह (जम्मू कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू शामिल हैं.

इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग 22 फरवरी को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से फंसे हुए हैं.

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