उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग में तैनात एक उपखंड अधिकारी (SDO) को कथित तौर पर आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीर लगाकर उसे अपना आदर्श बनाने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अमित किशोर ने बताया कि उनकी सिफारिश पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन एम देवराज ने विभागीय एसडीओ रविंद्र प्रकाश गौतम की सेवा समाप्त कर दी है.
सऊदी अरब के एक धनी परिवार में पैदा हुआ ओसामा बिन लादेन अल कायदा नामक आतंकी संगठन का प्रमुख था, जिसे करीब 54 वर्ष की उम्र में वर्ष 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी सेना ने एक अभियान में मार गिराया था. 11 सितंबर 2011 अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले में अल कायदा का नाम आया था.
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि एसडीओ ने आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीर लगाकर उसे बेस्ट इंजीनियर बताया था. विभागीय सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2022 के जून महीने में फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज उपखंड-द्वितीय में तैनात एसडीओ रविंद्र प्रकाश गौतम ने अपने ऑफिस में आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीर लगायी थी. यह खबर चर्चा में आने के बाद एसडीओ को निलंबित करते हुए मामले की जांच दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने शुरू की थी.
निगम के एमडी अमित किशोर ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर एसडीओ गौतम की सेवा समाप्त करने की संस्तुति यूपीपीसीएल के चेयरमैन से की जिसके बाद सोमवार को रविंद्र प्रकाश गौतम को बर्खास्त कर दिया गया. यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने एसडीओ गौतम की सेवा समाप्त करते हुए अपने आदेश में कहा कि गौतम द्वारा उच्चाधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग व सीधे पत्राचार किया गया, जो कि घोर अनुशासनहीनता है.
देवराज ने कहा, ''उनके (गौतम) द्वारा ओसामा बिन लादेन को सर्वश्रेष्ठ अभियंता मानते हुए उसकी फोटो कार्यालय में चस्पा कराना घोर अनुशासनहीनता का द्योतक है. ओसामा बिन लादेन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आतंकवादी था. लोक सेवक होते हुए भी गौतम ने देश और निगम विरोधी काम किया है. उन्हें अपने दफ्तर में महापुरुषों की फोटो लगानी चाहिए जो कि प्रेरणा स्रोत हो न किसी आतंकवादी की.''
अधिकारी के मुताबिक गौतम के खिलाफ ओसामा बिन लादेन की तस्वीर लगाने की शिकायत मिलने के बाद जब उन्हें निलंबित कर जांच शुरू हुई तो उन्होंने उच्चाधिकारियों से अभद्रता की. उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता, कर्तव्य पालन में लापरवाही, अनावश्यक पत्राचार, अधीनस्थों के साथ दुर्व्यवहार समेत आठ बिंदुओं पर आरोप पत्र जारी किये गये, लेकिन उन्होंने पत्राचारों में अभद्र भाषा शैली का इस्तेमाल किया और सटीक जवाब नहीं दिया. गौतम के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप पूर्ण रूप से सिद्ध हुए.
अध्यक्ष ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरोप के जवाब में एसडीओ ने कहा था कि ''सर्वप्रथम वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 का अनुसरण कराना चाहेंगे, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का नागरिक अधिकार है, आज के वर्तमान शासन में बहुत से ऐसे आदरणीय हैं जो स्वर्गीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को अपना गुरु ही नहीं आदर्श भी मानते हैं जो कि एक परम सत्य है. उनके द्वारा केवल ओसामा बिन लादेन को विश्व का सर्वश्रेष्ठ अवर अभियंता ही बताया है जो कि परम सत्य है। उसके कार्य का वह अनुसरण नहीं करते, न ही वह उनका आदर्श है.''
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