PM के फर्जी लेटर मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ चल रहे ट्रायल की समय सीमा SC ने बढ़ाई

पीएम के फर्जी लेटर के मामले मे तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी.  इस मामले मे दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने कहा था कि एक चीनी टेलीकॉम फर्म से धोखाधड़ी करने के लिए टाइटलर की वर्मा के साथ ‘सक्रियता से मिलीभगत’ थी.

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नई दिल्ली:

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के फर्जी लेटर पर चीनी इंजीनियरों को वीजा दिलाने की सिफारिश के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई. कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) और आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट मे चल रहे ट्रायल की समय सीमा सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने बढ़ा दी.   ट्रायल की समय सीमा खत्म होने के बाद राऊज एवेन्यू  की सीबीआई कोर्ट ने पत्र लिखकर समय सीमा बढाने की मांग की थी. 

अजय माकन ने दर्ज करवाई थी शिकायत

पीएम के फर्जी लेटर के मामले मे तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी.  इस मामले मे दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने कहा था कि एक चीनी टेलीकॉम फर्म से धोखाधड़ी करने के लिए टाइटलर की वर्मा के साथ ‘सक्रियता से मिलीभगत' थी. कांग्रेस नेता ने कंपनी के अधिकारियों को पहले फर्जी पत्र दिखाया और दावा किया कि यह माकन ने प्रधानमंत्री को लिखा है. 

अजय माकन के फर्जी लेटर हेड का किया था इस्तेमाल

मामला वर्ष 2009 का है. आरोप है कि टाइटलर और बिजनेसमैन अभिषेक वर्मा ने तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन के फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल कर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर एक चीनी टेलीकॉम कंपनी के अधिकारियों के लिए वीजा के नियमों में छूट देने का आग्रह किया था.  

इन दोनों के खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. निचली अदालत ने इनके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. टाइटलर ने आरोप तय करने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां उनकी याचिका खारिज हो गई थी.  इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए एक साल में ट्रायल पूरा करने को कहा था. ॉ

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