सुप्रीम कोर्ट ने कार्ती चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में दो करोड़ रुपये की सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराने की शर्त पर विदेश जाने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्ती जिस भी देश में जाएं, ईडी को अपनी यात्रा और ठहरने का ब्यौरा दें. सुप्रीम कोर्ट ने कार्ती चिदंबरम के विदेश जाने की अनुमति की याचिका पर आज सुनवाई की.
कार्ती चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 'उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी विदेश जाने की अनुमति दी है. वो संसद सदस्य हैं और जमानत पर हैं. उनके खिलाफ दो मामले लंबित हैं. एक संसद सदस्य पर दस करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त क्यों लगाई जाए? ऐसा नहीं होना चाहिए. वो कहीं भाग कर नहीं जा रहे. उनको दस करोड़ रुपये लोन लेना पड़ता है, जिससे पांच लाख रुपये हर महीने नुकसान होता है.'
सिब्बल ने कहा कि अदालत के इतिहास में ऐसी शर्त कभी नहीं लगाई जाती. केस में सबूतों से छेड़छाड़ करने की संभावना नहीं है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विदेश जाने के लिए कोई शर्त भी नहीं लगाई थी.
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कानून की नजर में कोई सांसद नहीं बल्कि एक आरोपी हैं. ईडी की ओर से अदालत में कहा गया कि कार्ती पर सुप्रीम कोर्ट ने दस करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराने की शर्त पहले ही लगाई गई हैं.
बता दें कि कार्ती के खिलाफ कई आपराधिक मामलों में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है. उनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित एक मामले सहित कई आपराधिक मामलों में जांच चल रही है. आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपए का धन प्राप्त करने की विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने के समय कार्ती चिदंबरम के पिता, पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे.