त्रिपुरा चुनावों में हिंसा (Tripura political violence) को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है. मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी. TMC ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को आदेशों को बावजूद त्रिपुरा में चुनावों को दौरान हालात खराब हो रहे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा के अफसरों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करे.इससे पहले त्रिपुरा में चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्य प्रशासन और पुलिस को त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनाव कराने को कहा था.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन इलाकों में चुनाव होने हैं वहां सुरक्षा हो और शांति रहे. राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि किसी भी पार्टी को शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक प्रचार के लिए कानून के अनुसार अधिकारों से रोका ना जाए.जिन उम्मीदवारों को सुरक्षा चाहिए, जिले के SP खतरे की आशंका का आंकलन करेंगे और कदम उठाएंगे. हम उम्मीद करते हैं कि आवश्यक व्यवस्था की जाएगी.इन निर्देशों पर त्रिपुरा के डीजीपी और गृह विभाग संयुक्त हलफनामा दाखिल करेंगे.जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि त्रिपुरा में चुनाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. दरअसल पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में भी TMC Vs BJP शुरू गया है और TMC मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. तृणमूल कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से त्रिपुरा में निगम चुनावों के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा मांगी है. TMC ने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज की निगरानी में हिंसा की जांच की मांग की.कार्यकर्ताओं पर हमले के सभी मामलों में कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है .
TMC की राज्यसभा सांसद सुस्मिता देव की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि त्रिपुरा में उसके पार्टी कार्यकर्ता हिंसक हमलों का सामना कर रहे हैं और पार्टी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. टीएमसी नेताओं और सदस्यों के खिलाफ गुंडों की भीड़ द्वारा हिंसा का निरंतर अभियान चलाया जा रहा है.इन घटनाओं में 30 कारें क्षतिग्रस्त हो गई है.पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई हैं इस तरह के नियमित हमले केवल राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर किए जा रहे हैं. आरोप लगाया गया है कि सरकार के इशारे पर पुलिस की ओर से जानबूझकर कार्यवाही नहीं कर रही है. त्रिपुरा सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिए जाएं कि वह उन क्षेत्रों में सुरक्षा और सुरक्षा बनाए रखे जहां चुनाव होने हैं. राज्यों के लिए एक ऐसा माहौल बनाना अनिवार्य है जो चुनावों में अबाध रूप से राजनीतिक भागीदारी को सक्षम बनाए. दरअसल त्रिपुरा में नगर निगम चुनाव 25 नवंबर से होने हैं.