राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में सांवलिया सेठ के भंडार की गिनती ने सारे रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं. 5 चरणों की गिनती में चढ़ावे की रकम 40 करोड़ के पार हो गई है.चित्तौड़गढ़ मेवाड़ में विख्यात श्री सांवलिया सेठ के भंडार से निकली दानराशि लगातार जारी है. इस बार दीपावली के बाद खुले भंडार ने नया रिकॉर्ड बनाया है. दो महीने बाद ये दान भंडार खोले गए हैं. पांच चरणों की गिनती पूरी हो चुकी है. इन चरणों में निकली धनराशि का आंकड़ा 40 करोड़ 33 लाख 39 हजार रुपये तक पहुंच चुका है. गुरुवार को छठे चरण की गिनती की जा रही है और अभी भी नोटों के बड़े हिस्से की गिनती बाकी है.
मंदिर मंडल ने बढ़ती भीड़ और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए गिनती की प्रक्रिया मंदिर के चौक की बजाय परिसर में बने सत्संग हॉल में की गई है. 19 नवंबर को भोग और आरती के बाद मंदिर मंडल की प्रशासनिक अधिकारी प्रभा गौतम, मंदिर मंडल अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव और अन्य सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया था। पांच चरणों में चालीस करोड़ से ज्यादा नकदी का निकलना इस बात का संकेत है कि इस बार भंडार में चढ़ावा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है.
Sanwalia Seth mandir
करीब 200 कर्मियों को नोट गिनने में लगाया गया है और लगातार गिनती के बावजूद दानराशि की पूरी गणना अभी बाकी है. भंडार से निकली नकदी की गिनती के बाद अब कार्यालय, भेंटकक्ष, ऑनलाइन और मनीऑर्डर से आए चढ़ावे की गणना होनी है. इसके साथ ही सोना, चांदी, सिक्कों और विदेशी मुद्राओं की छंटनी और तौल बाकी है.
सांवरा सेठ के यहां दीपावली पर दो महीने बाद और होली पर डेढ़ माह बाद भंडार खोला जाता है. वर्ष में कुल 11 बार भंडार खोला जाता है और लगभग हर बार पिछली बार का रिकॉर्ड टूट जाता है. हर माह खुले भंडार से औसतन छह चरणों में 26 से 27 करोड़ रुपये की दानराशि निकल रही है.
भंडार से निकली नकदी को बोरो में भरकर सत्संग हॉल तक लाया जाता है जहां पहले 500 रुपये के नोटों की छंटनी कर बंडल बनाए जाते है. इसके बाद 200 के और फिर छोटे नोटों की गिनती होती है. पूरे गणना स्थल पर सीसीटीवी और मैनुअल कैमरों से निगरानी रखी जाती है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. यहां मोबाइल पर्स ले जाना भी प्रतिबंधित है.
Sanwalia Seth
सांवरा सेठ के दरबार में राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश में हर जगह से भक्त पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या देखते हुए मंदिर प्रशासन विशेष इंतजाम करता है. गिनती के ट्रेंड ने स्पष्ट कर दिया है कि चढ़ावा इस बार अब तक का सबसे बड़ा हो सकता है.














