शिमला की संजौली मस्जिद एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गई है. अदालत द्वारा अवैध घोषित की जा चुकी इस मस्जिद में आज जुमे की नमाज के दिन मौलवी के इनकार के बावजूद मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने नमाज अदा की, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है.
मौलवी ने नमाज पढ़ाने से किया इनकार
शुक्रवार को जुमे की नमाज का दिन होने के बावजूद, संजौली मस्जिद के मौलवी शहजाद ने नमाज अदा कराने से मना कर दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह नमाज नहीं पढ़ा रहे हैं. इसके बावजूद, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मस्जिद में पहुंचे. जानकारी के अनुसार, उन्होंने सामूहिक जुमे की नमाज के बजाय अलग-अलग नमाज अदा की. रियासत अली नामक एक व्यक्ति ने मस्जिद में नमाज अदा की और कहा कि नमाज पढ़ना उनका फर्ज है और उन्हें इससे कोई नहीं रोक सकता.
क्या है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगरीय क्षेत्र संजौली में स्थित एक मस्जिद को लेकर विवाद तब बढ़ गया, जब 14 नवंबर, शुक्रवार को नमाज पढ़ने से रोकने पर पुलिस ने 6 लोगों पर मामला दर्ज किया था. दरअसल स्थानीय महिलाओं ने मस्जिद के अवैध निर्माण पर आपत्ति जताई थी और नमाज का विरोध किया था. जिसके बाद पुलिस ने दो महिलाओं सहित 6 हिन्दू संगठन के लोगों पर FIR दर्ज की थी. केस दर्ज होने के विरोध में देवभूमि संघर्ष समिति के लोग मंगलवार से संजौली थाना के बाहर अनशन पर बैठ गए और आज महाप्रदर्शन करने वाले थे.
हिन्दू संगठन के लोगों का कहना है कि संजौली मस्जिद को एमसी कोर्ट के बाद जिला अदालत ने भी अवैध करार देते हुए तोड़ने के आदेश दिए है. बाबजूद इसके आज तक मस्जिद की बिजली पानी नहीं काटा गया. मस्जिद में नमाज पढ़ी जा रही है. नमाज पढ़ने से रोकने पर बिना शिकायत के SHO ने अपने स्तर पर FIR दर्ज कर दी. जो गलत है.














