राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की विभिन्न गतिविधियों से बड़ी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर (Sunil Ambekar) ने रांची में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के अंतिम दिन आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि संघ ने वर्ष 2012 में 'ज्वाइन आरएसएस' नाम से एक ऑनलाइन मंच शुरू किया था, जिसके माध्यम से हर साल एक से सवा लाख लोग संघ की विभिन्न गतिविधियों से जुड़ रहे हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संघ सीधे चुनाव कार्य में नहीं लगता है, वह लोकमत जागरण का काम करता है. आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय परिसर में किया गया था.
आंबेकर ने कहा कि इस साल जून के अंत तक 66,529 लोगों ने संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस वर्ष से संघ प्रशिक्षण वर्गों की रचना और पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया है. उन्होंने बताया कि 2024 में आयोजित प्रशिक्षण वर्गों में 24 हजार कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण लिया है.
देश में संघ की 73117 दैनिक शाखाएं : आंबेकर
आंबेकर ने बताया कि विजयादशमी 2025 पर संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर दैनिक शाखा का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने बताया कि देश में फिलहाल 73117 दैनिक शाखाएं हैं.
आपातकाल लगाना गलत था : आंबेकर
साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाना गलत था, लोकतंत्र में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए. आपातकाल के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संघर्ष भी किया था और संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी थी. साथ ही
उन्होंने धर्मांतरण को लेकर कहा कि धोखे और लालच से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए, यह पूर्णतया गलत है. इसे रोकने के लिए कानून हैं और सभी को इसका पालन करना चाहिए.
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