गुलाम नबी कांग्रेस की जगह अपने झंडे को बुलंद कर रहे थे, इससे मुझे... : NDTV से संदीप दीक्षित

एक अन्‍य सवाल पर संदीप दीक्षित ने कहा, "हम कमज़ोर हैं इस बात में कोई शक नहीं. कांग्रेस पार्टी जनमानस के ज़ेहन में है. इसीलिए ये इलेक्शन बहुत बड़ा मौक़ा है."

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संदीप दीक्षित ने कहा, "हम कमज़ोर हैं इसमें कोई शक नहीं लेकिन कांग्रेस जनमानस के ज़ेहन में है

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) पर निशाना साधा है. संदीप ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "गुलाम नबी आज़ाद बहुत समय से नेता रहे हैं, कई राज्यों में उन्होंने अच्छा काम किया. मैं उस गुलाम नबी की तारीफ़ कर रहा था जिन्होंने हिम्मत करके जी 23 वाली चिट्ठी लिखा. लेकिन जिन्होंने इस्तीफ़ा दिया वो व्यक्तिगत रोष से भरे हुए गुलाम नबी आजाद थे. राहुल जी के बारे में कह रहे हैं, यह तभी बोलना चाहिए था. इस बार गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस की जगह अपने झंडे को बुलंद कर रहे थे, इससे मुझे निराशा हुई."

G-23 के संबंध में संदीप दीक्षित ने कहा, " हम 22-23 लोगों ने चिट्ठी लिखी थी. 2015 से मैं कह रहा था कि चीज़ें ठीक नहीं चल रही हैं. अपने तौर तरीके से हम अपनी बातें कह रहे थे. और लोग भी अपनी बात कह रहे थे. 2019 में हार हुई, तब लगा बोलना पड़ेगा, हमें आलोचना करनी थी. जिन्होंने साइन किए थे सबकी सहमति थी. कांग्रेस को सशक्त करना था. हम तब्दीली करना चाहते थे, विरोध नहीं. गलत बातों का विरोध करना था, पार्टी का विरोध करना नहीं था. पार्टी को कमज़ोर नहीं करना था. बहुत से लोगों ने मामला ट्विस्‍ट किया. ये परिवर्तन करना था. 

कांग्रेस के आगामी चुनाव के संदर्भ में संदीप ने कहा, "जब चुनावी प्रक्रिया आई थी तो अच्छा मौक़ा था. नया अध्यक्ष बनने का मौक़ा था. ये एक मौक़ा था अच्छे नेतृत्व को सामने करने का. एक नए अध्यक्ष से नई शुरुआत होती. ये बड़ा मौक़ा आ रहा था, गुलाम नबी आज़ाद कैंपेन कर सकते थे. यह उनके लिए बहुत अच्छा मौक़ा था."  उन्‍होंने कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस के लिए बहुत ज़रूरी है. हर पार्टी में कुछ लोग प्रमुख होते हैं. जिनका नेतृत्व होता है वो प्रमुख होते हैं. गांधी परिवार के सदस्यों का कांग्रेस में रहना संदेश के रूप में बहुत ज़रूरी है. जो भी कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा, उसे काम करने का मौका मिलता. कोई पार्टी को कमज़ोर नहीं करना चाहता. उस आदमी की दक्षता पर निर्भर करेगा

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संदीप दीक्षित ने माना कि हम जिन राज्यों में पीछे हुए हैं, वहां हम पहचान के लिए लड़ रहे हैं. हम कमज़ोर हुए हैं. अध्यक्ष चुनाव से यह मौका मिल रहा है. गुलाम नबी ने राहुल जी के ऑफ़िस परव्यक्तिगत कमेंट किया. यह बात पहले कहते, ये तो पुरानी बात है.हर किसी के ऑफ़िस में कुछ न कुछ कहा जाता था. एक अन्‍य सवाल पर कहा, "हम कमज़ोर हैं इस बात में कोई शक नहीं. कांग्रेस पार्टी जनमानस के ज़ेहन में है. इसीलिए ये इलेक्शन बहुत बड़ा मौक़ा है."

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