द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन (TKS Elangovan) ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) द्वारा उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) सहित तमिलनाडु के मंत्रियों के खिलाफ ‘अधिकार पृच्छा' याचिका खारिज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से 'स्पष्ट' करने का आह्वान किया कि सनातन धर्म क्या है..?
एलंगोवन ने कहा, "उन्हें (भाजपा) बताना चाहिए कि सनातन धर्म क्या है? कोई भी यह समझाने के लिए आगे नहीं आया कि सनातन धर्म क्या है? अदालत ने माना है कि उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया जाना चाहिए. उन्हें इस तरह नहीं बोलना चाहिए, लेकिन हम जो समझते हैं- सनातन धर्म मनु धर्म है. अगर वे कहते हैं कि यह मनु धर्म नहीं है, तो यह ठीक है, हम इसके खिलाफनहीं हैं."
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट न्यायमूर्ति अनीता सुमंत ने सनातन धर्म पर टिप्पणी के संबंध में तमिलनाडु के मंत्रियों उदयनिधि स्टालिन, पीके शेखर बाबू और डीएमके सांसद ए राजा के खिलाफ ‘अधिकार पृच्छा'रिट जारी करने से परहेज किया. यह आदेश हिंदू मुन्नानी संगठन के पदाधिकारियों द्वारा दायर यथास्थिति याचिका पर पारित किए गए थे.
4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन से 'सनातन धर्म' को खत्म करने की उनकी टिप्पणी पर सवाल उठाया था और उनसे कहा था कि वह "एक आम आदमी नहीं, बल्कि एक मंत्री हैं." स्टालिन ने अपनी टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
अदालत ने स्टालिन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें रीमेक बनाने से पहले परिणाम जानना चाहिए था. कोर्ट ने कहा, "आप भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं और फिर अनुच्छेद 32 के तहत सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में आते हैं...? क्या आप नहीं जानते कि आपने जो कहा उसके परिणाम क्या होंगे...?"
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख एम. के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय तथा समानता के खिलाफ है और उसका ‘‘उन्मूलन'' किया जाना चाहिए. वह राज्य की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)-नीत सरकार में युवा कल्याण एवं खेल मामलों के मंत्री हैं.
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