12 months ago
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को मान्‍यता देने से इनकार कर दिया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) ने कहा कि ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करता है. केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. बता दें कि कई देशों में समलैंगिक विवाह को मान्‍यता है, तो कई देशों में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. भारत में समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है. साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ही समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाला फैसला सुनाया था. 

Highlights...

Oct 17, 2023 12:47 (IST)
एक संस्था के रूप में विवाह राज्य से पहले है...जस्टिस भट्ट
फैसला सुनाते हुए जस्टिस भट्ट ने कहा कि इस न्यायालय ने माना है कि विवाह एक सामाजिक संस्था है. एक संस्था के रूप में विवाह राज्य से पहले है. इसका तात्पर्य यह है कि विवाह संरचना राज्य की परवाह किए बिना मौजूद है. विवाह की शर्तें राज्य से स्वतंत्र हैं, और इसके स्रोत बाहरी हैं.

Oct 17, 2023 12:45 (IST)
समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार किया
संविधान पीठ ने बहुमत से कहा कि कानून बनाना राज्य का काम है. विवाह का अधिकार स्वचालित रूप से प्रवाहित नहीं होता. शादी करने का कोई अयोग्य अधिकार नहीं है. विवाह का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है. समलैंगिक समुदाय को दिए जा सकने वाले अधिकारों, लाभों की पहचान करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाला पैनल बने. कुछ कानूनी अधिकार, सामाजिक कल्याण उपाय, सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करें. उत्तराधिकार पर विचार करें, संयुक्त बैंक खाते खोलें, बीमा पॉलिसियों में भागीदार नियुक्त करें. समलैंगिकों के बच्चे गोद लेने पर 3:2 की राय. बहुमत का फैसला- समलैंगिक नहीं ले सकते बच्चे गोद.
Oct 17, 2023 12:04 (IST)
समलैंगिक जोड़े के के खिलाफ FIR दर्ज करने से...
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पुलिस को समलैंगिक जोड़े के संबंधों को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि समलैंगिकता प्राकृतिक होती है, जो सदियों से जानी जाती है, इसका केवल शहरी या अभिजात्य वर्ग से संबंध नहीं है. 
Oct 17, 2023 11:59 (IST)
"जीवन साथी चुनना किसी के जीवन की दिशा चुनने का एक अभिन्न अंग"
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जीवन साथी चुनना किसी के जीवन की दिशा चुनने का एक अभिन्न अंग है. कुछ लोग इसे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय मान सकते हैं. यह अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की जड़ तक जाता है. स्वतंत्रता का अर्थ है वह बनने की क्षमता जो कोई व्यक्ति बनना चाहता है.
Oct 17, 2023 11:50 (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों के बैक खाते, पेशन, बीमा आदि पर विचार करने को कहा
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार किया और जस्टिस संजय किशन कौल ने भी CJI का समर्थन किया. उन्‍होंने कहा कि कहा ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करता है. समलैंगिकों को बच्चा गोद लेने का अधिकार दिया है. केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने चाहिए. केंद्र की कमेटी बनाने की सलाह मानी. बैक खाते, पेशन, बीमा आदि पर विचार करने को कहा. 
Oct 17, 2023 11:46 (IST)
समलैंगिकों के लिए कमेटी बनाई जाए- CJI
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसले में कहा कि समलैंगिकों के लिए कमेटी बनाई जाए. समिति निम्नलिखित पर विचार करेगी. 
- राशन कार्डों में समलैंगिक जोड़ों को परिवार के रूप में शामिल करना.
- समलैंगिक जोड़ों को संयुक्त बैंक खाते के लिए नामांकन करने में सक्षम बनाना.
- पेंशन, ग्रेच्युटी आदि से मिलने वाले अधिकार.
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Oct 17, 2023 11:39 (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमें समलैंगिक शादी को मान्यता देने का अधिकार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया है. CJI ने कहा कि ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करता है. केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. 
Oct 17, 2023 11:32 (IST)
"यह रूढ़िवादी मान्‍यता कि केवल विषमलैंगिक ही अच्छे माता-पिता"
CARA विनियमन 5(3) असामान्य यूनियनों में भागीदारों के बीच भेदभाव करता है. यह गैर-विषमलैंगिक जोड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और इस प्रकार एक अविवाहित विषमलैंगिक जोड़ा गोद ले सकता है, लेकिन समलैंगिक समुदाय के लिए ऐसा नहीं है. कानून अच्छे और बुरे पालन-पोषण के बारे में कोई धारणा नहीं बना सकता है और यह एक रूढ़ि को कायम रखता है कि केवल विषमलैंगिक ही अच्छे माता-पिता हो सकते हैं. 
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Oct 17, 2023 11:30 (IST)
स्थिर घर की कोई एक परिभाषा नहीं है...CJI
CJI ने कहा कि विवाहित जोड़ों को अविवाहित जोड़ों से अलग किया जा सकता है. उत्तरदाताओं ने यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई डेटा नहीं रखा है कि केवल विवाहित जोड़े ही स्थिरता प्रदान कर सकते हैं...यह ध्यान दिया गया है कि विवाहित जोड़े से अलग होना प्रतिबंधात्मक है, क्योंकि यह कानून द्वारा विनियमित है, लेकिन अविवाहित जोड़े के लिए ऐसा नहीं है. घर की स्थिरता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिससे स्वस्थ कार्य जीवन संतुलन बनता है और स्थिर घर की कोई एक परिभाषा नहीं है और हमारे संविधान का बहुलवादी रूप विभिन्न प्रकार के संघों का अधिकार देता है. 
Oct 17, 2023 11:26 (IST)
समलैंगिक व्यक्ति केवल व्यक्तिगत क्षमता में ही गोद ले सकता है...
सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कोई सामग्री नहीं है कि केवल एक विवाहित विषमलैंगिक जोड़ा ही एक बच्चे को स्थिरता प्रदान कर सकता है.  CARA विनियमन 5(3) अप्रत्यक्ष रूप से असामान्य यूनियनों के खिलाफ भेदभाव करता है. एक समलैंगिक व्यक्ति केवल व्यक्तिगत क्षमता में ही गोद ले सकता है. इसका प्रभाव समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भेदभाव को मजबूत करने पर पड़ता है. 
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Oct 17, 2023 11:24 (IST)
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- CARA और गोद लेने पर...
अविवाहित जोड़ों को गोद लेने से बाहर नहीं रखा गया है, लेकिन नियम 5 यह कहकर उन्हें रोकता है कि जोड़े को 2 साल तक स्थिर वैवाहिक रिश्ते में रहना होगा. जेजे अधिनियम अविवाहित जोड़ों को गोद लेने से नहीं रोकता है, लेकिन  केवल तभी जब CARA इसे नियंत्रित करता है लेकिन यह JJ अधिनियम के उद्देश्य को विफल नहीं कर सकता है. CARA ने विनियम 5(3) द्वारा प्राधिकार को पार कर लिया है.
Oct 17, 2023 11:22 (IST)
...तो यह ट्रांसजेंडर अधिनियम का उल्लंघन होगा- सीजेआई
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि कोई ट्रांसजेंडर व्यक्ति किसी विषमलैंगिक व्यक्ति से शादी करना चाहता है, तो ऐसी शादी को मान्यता दी जाएगी, क्योंकि एक पुरुष होगा और दूसरा महिला होगी. ट्रांसजेंडर पुरुष को एक महिला से शादी करने का अधिकार है. ट्रांसजेंडर महिला को एक पुरुष से शादी करने का अधिकार है और ट्रांसजेंडर महिला और ट्रांसजेंडर पुरुष भी शादी कर सकते हैं. अगर अनुमति नहीं दी गई, तो यह ट्रांसजेंडर अधिनियम का उल्लंघन होगा.
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Oct 17, 2023 11:19 (IST)
"यह कोई अंग्रेजी बोलने वाले सफेदपोश आदमी नहीं"
सीजेआई ने कहा कि यह कोई अंग्रेजी बोलने वाले सफेदपोश आदमी नहीं है, जो समलैंगिक होने का दावा कर सकते हैं, बल्कि गांव में कृषि कार्य में काम करने वाली एक महिला भी समलैंगिक होने का दावा कर सकती है. यह छवि बनाना की कि लोग केवल शहरी और संभ्रांत स्थानों में मौजूद हैं, उन्हें मिटाना है. शहरों में रहने वाले सभी लोगों को कुलीन नहीं कहा जा सकता.
Oct 17, 2023 11:16 (IST)
कई वर्ग इन परिवर्तनों के विरोध में हैं : सुप्रीम कोर्ट
फैसला सुनाते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  क्या एसएमए में बदलाव की जरूरत है, यह संसद को पता लगाना है और अदालत को विधायी क्षेत्र में प्रवेश करने में सावधानी बरतनी चाहिए? कई वर्ग इन परिवर्तनों के विरोध में हैं. विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव का फ़ैसला संसद को करना है. विशेष विवाह अधिनियम को असंवैधानिक नहीं ठहरा सकते हैं. 
Oct 17, 2023 11:14 (IST)
विवाह की नई संस्था बनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते- CJI
सीजेआई ने कहा कि यदि विशेष विवाह अधिनियम को रद्द कर दिया जाता है, तो यह देश को स्वतंत्रता-पूर्व युग में ले जाएगा. यदि न्यायालय दूसरा दृष्टिकोण अपनाता है और SMA में शब्दों को पढ़ता है, तो वह विधायिका की भूमिका निभाएगा. संसद या राज्य विधानसभाओं को विवाह की नई संस्था बनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. 
Oct 17, 2023 11:12 (IST)
"संसद ने विवाह संस्था में बदलाव लाने वाले कानून बनाए हैं..."
सीजेआई ने कहा कि यदि राज्य पर सकारात्मक दायित्व लागू नहीं किए गए, तो संविधान में अधिकार एक मृत अक्षर होंगे. समानता की विशेषता वाले व्यक्तिगत संबंधों के मामले में अधिक शक्तिशाली व्यक्ति प्रधानता प्राप्त करता है. अनुच्छेद 245 और 246 के तहत सत्ता में संसद ने विवाह संस्था में बदलाव लाने वाले कानून बनाए हैं. 
Oct 17, 2023 11:10 (IST)
विवाह का रूप बदलता रहा है...CJI
समलैंगिक विवाह पर फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट इतिहासकारों का काम नहीं ले रहा है. विवाह की संस्था बदल गई है, जो संस्था की विशेषता है. सती और विधवा पुनर्विवाह से लेकर अंतरधार्मिक विवाह तक विवाह का रूप बदल गया है. शादी बदल गई है और यह एक अटल सत्य है और ऐसे कई बदलाव संसद से आए हैं. 
Oct 17, 2023 11:07 (IST)
समलैंगिकता कोई शहरी अवधारणा नहीं
समलैंगिकता समाज में सिर्फ उच्‍च वर्ग तक सीमित नहीं है. वहीं, समलैंगिकता कोई शहरी अवधारणा नहीं है. इस मुद्दे पर कुछ लोगों की सहमति है, तो कुछ की असहमति. कई वर्ग इन परिवर्तनों के विरोध में हैं. अदालत कानून बना नहीं सकती, व्याख्या कर सकती है.    
Oct 17, 2023 10:53 (IST)
समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में  समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाला फैसला सुनाया था. यानि अगर कोई समलैंगिक है, तो उसे इस आधार पर कोई सजा नहीं होगी.  
Oct 17, 2023 10:49 (IST)
क्‍या समलैंगिक विवाह को मिलेगी मान्‍यता
समलैंगिक विवाह के मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, संजय किशन कौल, रवींद्र भट्ट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ये फैसला सुनाएगी.