Exclusive: मस्जिद वाली गली में हो रही थी फायरिंग, पट्टी के लिए भी देने पड़े पैसे... पीड़ित परिवार ने बताया संभल हिंसा का दर्द

संभल की जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने के दावे को लेकर बीते 19 अक्टूबर को संभल के सिविल कोर्ट में याचिका दायर हुई थी. उसी दिन पहला सर्वे भी कर लिया गया था. फिर 24 नवंबर को सुबह 6:30 बजे टीम मस्जिद में दूसरा सर्वे करने पहुंची. इसी दौरान सर्वे टीम पर पथराव हो गया. देखते ही देखते हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोगों की जान गई है.

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संभल:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद के बाहर भड़की हिंसा का मंगलवार को तीसरा दिन है. इलाके में तनाव बरकरार है. मंगलवार से स्कूल खोल दिए गए हैं. पूरे शहर में RAF पुलिस फोर्स के साथ मार्च कर रही है. हिंसा प्रभावित इलाके में ज्यादातर लोग घर छोड़कर चले गए. किसी तरह की अफवाह से निपटने के लिए अभी इंटरनेट बंद रखा गया है. रविवार सुबह भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई है. उनकी पहचान कोटगर्वी निवासी नईम (35), रायकरीम निवासी बिलाल (23), तुर्तीपुर इलहा निवासी कैफ (18) और कोटगर्वी निवासी अयान (20) के तौर पर हुई है. NDTV ने हिंसा में मारे गए नईम और अयान के परिवार से बात की है.

संभल के मोहल्ला तबेला कोट में एक दुकान के शटर से पार निकली गोली का निशान यहां हुई हिंसा की कहानी बयां कर रहा है. इसी मोहल्ले के रहने वाले 35 वर्षीय नईम गाजी की रविवार को हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. नईम के भाई तस्लीम ने NDTV को बताया, "हम लोग बहुत परेशान हैं. अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. भाई तो चला गया. हम खुद यहां पर सुरक्षित नहीं हैं."

तस्लीम बताते हैं, "नईम के 4 छोटे बच्चे हैं. घर में वहीं कमाने वाला था. मिठाई की दुकान चलाता था. पिता के इंतकाल के बाद नईम पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी थी. हिंसा के समय वह घर का सामान लेने गया था. फिर खबर मिली कि उसे गोली मार दी गई है. उसके जाने से हमारा परिवार टूट गया है."

भाई की छाती के आर-पार हो गई गोली
इस हिंसा में मोहम्मद अयान की भी मौत हो गई है. अयान के बड़े भाई कामिल कहते हैं, "मां ने उसे उस सुबह नींद से जगाकर काम पर भेजा था. मस्जिद में जब भगदड़ मची, तो वह उसके पास में ही था. वह घर की तरफ भाग रहा था. तभी गोली मारी गई. गोली उसकी छाती के आर-पार हो गई थी. मैं उसे उठाकर घर लेकर आया. गोली लगने के बाद भी 11 घंटे वो जिंदा था. मैं उसके साथ था. उसने बताया कि पुलिस फायरिंग कर रही थी."

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इंजेक्शन लगाने के लिए भी मांगे पैसे
कामिल आगे बताते हैं, "जब अपने भाई अयान को अस्पताल लेकर गया, तो वहां इलाज से पहले पैसे मांगे गए. मुझसे कहा गया कि पहले 500 रुपये दो, तब जाकर 2 इंजेक्शन लगाए. उसका बहुत खून निकल रहा था. मैंने कहा पट्टी कर दो, तो अस्पताल के स्टाफ ने इनकार कर दिया. कहा गया कि पहले पुलिस कार्रवाई होगी. अस्पताल में मुझसे हर चीज के लिए पैसे लिए गए. इसी दौरान भाई की मौत हो गई. पोस्टमार्टम हुआ. मैंने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मांगी, तो मुझे देने से मना कर दिया गया."

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मृतक अयान की मां ने भी NDTV से बात की है. उन्होंने कहा, "मैंने अपने बेटे को नींद से जगाया और होटल में काम करने भेजा था. फिर क्या हुआ... मुझे कुछ नहीं पता. बच्चे आए और बताया कि अयान को गोली लगी है. मैंने अयान से पूछा था. उसने भी बताया कि पुलिस ने गोली मार दी है. उसने बताया था कि वो मस्जिद गया था." 

भाईचारे के शहर में लगा दी आग
मोहम्मद अयान के पड़ोसियों से भी NDTV ने बात की है. नियाज नाम के शख्स बताते हैं, "मैं यहां अयान के परिवार से मिलने के लिए आया था. हमारे परिवार में करीबी रिश्ता है. ये शहर भाईचारे का शहर है. उपद्रवियों ने आग लगा दी है. अयान एक गरीब परिवार से था. इस हिंसा की SIT जांच होनी चाहिए. हम अयान के परिवार की मदद के लिए सरकार से 1 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग करते हैं."

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बस बच्चे की सलामती की दुआ
इस हिंसा में वसीम के पैर में भी गोली लगी है. उनका इलाज चल रहा है. वसीम के पिता बेटे की इस हालत को देखकर अपने आंसू नहीं संभाल पाते. वह रोते हुए बताते हैं, "वह घर से होटल में काम करने के लिए गया था. इसी दौरान अस्पताल से हमें फोन आया और बताया गया कि उसे गोली लग गई है. बस हमारा बच्चा बच जाए."

क्या है संभल में मस्जिद का विवाद?
संभल में जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद है, वहां पहले मंदिर हुआ करता था. हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया. 19 नवंबर को 8 लोगों ने संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मस्जिद के खिलाफ याचिका दायर की. हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया. 19 नवंबर को 8 लोगों ने संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मस्जिद के खिलाफ याचिका दायर की. 

19 अक्टूबर को हुआ पहला सर्वे
बीते 19 अक्टूबर को संभल के सिविल कोर्ट में याचिका दायर हुई थी. उसी दिन पहला सर्वे भी कर लिया गया था. फिर 24 नवंबर को सुबह 6:30 बजे टीम मस्जिद में दूसरा सर्वे करने पहुंची. इसी दौरान सर्वे टीम पर पथराव हो गया. देखते ही देखते हिंसा भड़क गई. जगह-जगह पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं. 

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अब तक 7 FIR दर्ज, 25 गिरफ्तारियां
पुलिस ने हिंसा से जुड़े मामले में अब तक 7 FIR दर्ज की हैं. इनमें 6 नामजद और 2500 से ज्यादा अज्ञात आरोपी हैं. हिंसा के मामले में रविवार से सोमवार शाम तक 25 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है. वहीं, हिंसा में मारे गए 4 युवकों को पोस्टमार्टम के बाद देर रात ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

अभी क्या है स्थिति?
संभल की शाही मस्जिद जिस गली में है, उस गली में सन्नाटा पसरा हुआ है. घरों में ताला लग गया है. सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ने बताया कि संभल तहसील में इंटरनेट बैन को एक दिन के लिए बढ़ाया जा रहा है. मंगलवार को भी इंटरनेट बंद रहेगा. सोमवार को स्कूल भी बंद रखे गए हैं. इस बीच DM राजेंद्र पैंसिया ने 1 दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. संभल पुलिस ने हिंसा से जुड़े उपद्रवियों के पहली बार फुटेज जारी किए हैं. इलाके में अप्रिय घटना से निपटने के लिए एक्सट्रा फोर्स की तैनाती की गई है. पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है. ड्रोन से ली गई तस्वीरों के जरिये पहचान की जा रही है कि उपद्रव में कौन लोग शामिल थे? इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं उपद्रवी बाहर से तो नहीं बुलाए गए थे.

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