संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी की हाईकोर्ट में याचिका, मस्जिद की रंगाई-पुताई की मांगी इजाजत

मंगलवार को हाईकोर्ट में हड़ताल होने के कारण सुनवाई हुई और जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 फरवरी को सुबह दस बजे की डेट नियत की है. हाईकोर्ट ने साथ ही पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को भी अगली डेट तक बढ़ा दिया है. 

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प्रयागराज:

जामा म​स्जिद द्वारा रमजान का महीना शुरू होने से पहले रंगाई-पुताई,मरम्मत और सफाई के लिए दा​खिल की गई सिविल रिवीजन अर्जी पर सुनवाई के लिए 27 फरवरी की ति​थि नियत की है. ये अर्जी संभल की अहमद मार्ग कोट स्थित शाही जामा मस्जिद की प्रबंध समिति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. मंगलवार को हाईकोर्ट में हड़ताल होने के कारण सुनवाई हुई और जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 फरवरी को सुबह दस बजे की डेट नियत की है. हाईकोर्ट ने साथ ही पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश को भी अगली डेट तक बढ़ा दिया है. 

क्या है पूरा मामला?

मंगलवार को मस्जिद कमेटी के आवेदन संख्या पर  4/2025 पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता एसएफ़ए नकवी ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा जिसमें मस्जिद की रंगाई-पुताई और सफाई की अनुमति मांगी गई है. उन्होंने कहा कि आवेदन पहले ही राज्य और प्रतिवादी पक्ष को सौंप दिया गया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि वकील आज काम से विरत है. हिंदू पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता हरि शंकर जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. संजय कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रतिवादी संख्या 13 के लिए उपस्थित हुए. शेष प्रतिवादियों की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि पहले दिया गया अंतरिम आदेश सूचीबद्ध होने की अगली तारीख तक जारी रहेगा.

गौरतलब है कि संभल की शाही जामा म​स्जिद कमेटी की प्रबंध समिति ने भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के समक्ष आवेदन दा​खिल कर रमजान महीने में मस्जिद की रंगाई-पुताई और मरम्मत के लिए आवेदन दिया था जिसे एएसआई ने खारिज कर दिया था. इसके ​खिलाफ मस्तिद कमेटी ने हाईकोर्ट में अर्जी दा​खिल की है. म​स्जिद कमेटी के अ​धिवक्ता जहीर असगर ने बताया कि म​स्जिद की रंगाई-पुताई व सफाई के ​लिए अनुमति देने की प्रार्थना की गई. म​स्जिद की रंगाई-पुताई, सफाई और मरम्मत के लिए किसी भी अदालत ने कोई रोक नहीं लगाई है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एएसआई से अगली डेट तक जानकारी मांगी है.

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