"बीजेपी, कांग्रेस एक ही है ...": राहुल गांधी की यात्रा को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान

Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी प्रमुख ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारी पार्टी की एक अलग विचारधारा है. भाजपा और कांग्रेस एक ही है.

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरुवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की 'भारत जोड़ो यात्रा' से खुद को दूर रखने का ऐलान किया.  समाजवादी पार्टी प्रमुख ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारी पार्टी की एक अलग विचारधारा है. भाजपा और कांग्रेस एक ही है. पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर क्या यात्रा के लिए आपको निमंत्रण दिया गया है  के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर आपके फोन पर यह निमंत्रण है तो कृपया मुझे भी भेज दें. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी शुभकामनाएं उनके साथ है. लेकिन मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिली है.

अखिलेश यादव की तरफ से यह बयान तब सामने आया है जब ऐसी चर्चा है कि यात्रा को लेकर निमंत्रण सपा प्रमुख और बसपा प्रमुख मायावती को भी कांग्रेस की तरफ से भेजा गया है. हालांकि मायावती का भी इस यात्रा से जुड़ने की कोई संभावना नहीं है. साथ ही सपा के गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने भी अपने आप को इससे अलग ही रखा है. इधर सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा है कि उनकी पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के विचार का समर्थन करती है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह संभावित गठबंधन की अटकलों को हवा नहीं देना चाहते हैं.

गौरतलब है कि कांग्रेस और सपा महत्वपूर्ण सहयोगी रहे हैं, हालांकि कई बार दोनों ही पार्टियों के बीच मतभेद भी देखने को मिले हैं. अंतिम बार 2017 के यूपी चुनावों विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. साथ ही साल 2008 में समाजवादी पार्टी ने वाममोर्चा के समर्थन वापस लेने के बाद मनमोहन सिंह सरकार को बचाने में मुख्य भूमिका निभायी थी.

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वर्तमान हालत में सपा यूपी में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार के लिए मुख्य विपक्ष बनी हुई है, जबकि कांग्रेस के पास विधानसभा में सिर्फ दो सीटें हैं और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 की मेगा-लड़ाई में किसी भी तरह की छाप छोड़ने के लिए उसे एक साथी की आवश्यकता हो सकती है.

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कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव इस बार अधिक सतर्क दिख रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद भी उनकी पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बिना गठबंधन के भी सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था.

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जहां तक ​​मायावती की बात है उनकी पार्टी का आधार राज्य में तेजी से कमजोर होता दिख रहा है. हालांकि उन्होंने भी  हाल के बयानों में कांग्रेस की तीखी आलोचना की है. 2022 के यूपी चुनावों से पहले, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को समर्थन देने से भाजपा विरोधी वोटों में अनावश्यक विभाजन हो सकता है.  इस कारण जानकार राहुल गांधी की यात्रा में उनके शामिल नहीं होने को कोई आश्चर्य नहीं मान रहे हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से उन्हें आमंत्रित करना एक संदेश है कि वह भाजपा के खिलाफ पूरे विपक्ष की एकता चाहती है.

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