समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान को लेकर एक बार फिर हंगामा देखने को मिल रहा है. हाल ही में मौर्य ने कहा था कि "हिंदू धर्म एक धोखा है". सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यहां तक कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है, बल्कि सिर्फ "जीवन जीने का एक तरीका" है. मौर्य ने अपनी टिप्पणी को सही ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया. मौर्य ने कहा कि 1955 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है.
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
यह पहली बार नहीं है जब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू विरोधी टिप्पणी की है. अगस्त में, उन्होंने एक्स पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें कहा गया था कि "हिंदू धर्म सिर्फ एक धोखा है". वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना गया था कि "ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी असमानता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, हिंदू धर्म सिर्फ एक धोखा है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने देवी लक्ष्मी के खिलाफ दिया था विवादित बयान
बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने देवी लक्ष्मी के खिलाफ भी विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि "दुनिया में कहीं भी पैदा होने वाले हर बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान और दो आंखें होती हैं और अगर आठ हाथ और दस हाथों वाला कोई बच्चा अब तक पैदा नहीं हुआ है, तो देवी लक्ष्मी चार हाथों के साथ कैसे पैदा हो सकती हैं.
हालांकि, उनकी पार्टी ने एक बार फिर उनकी टिप्पणी से दूरी बना ली है. वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ऐसे बयान देकर ये लोग अपने लिए गलत कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी कभी भी धर्म की राजनीति नहीं करती है. उन्होंने कहा था, ''धर्म पर समाजवादी पार्टी का रुख स्पष्ट है. इस पर कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए.''
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