विधायक बने रहने के लिए लोकसभा से इस्तीफा देने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए यह त्याग जरूरी है. गौरतलब है कि अखिलेश यादव,हाल ही में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में करहट सीट से चुने गए हैं. अखिलेश ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को पराजित किया था. विधानसभा चुनाव जीतने के पहले वे लोकसभा में आजमगढ़ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. समाजवादी पार्टी ने इस संबंध में एक ट्वीट के साथ एक छोटा वीडियो शेयर किया है जिसमें अखिलेश यादव को लोकसभा अध्यक्ष को इस्तीफे का पत्र सौंपते दिखाया गया है.
अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट किया, 'विधानसभा में उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश' दिया है. इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूंगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूंगा. महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है.'
इस बीच, यह चर्चाएं हैं कि वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. पार्टी ने 26 मार्च को नवनिर्वाचित विधायकों और एमएलसी की बैठक बुलाई है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों समाजवादी पार्टी की हार के बावजूद लोकसभा की सदस्यता छोड़कर अखिलेश यादव ने यह संकेत दिया है कि उनका फोकस अब राज्य की सियासत पर है. विधानसभा चुनाव में में उनकी पार्टी ने बीजेपी को कड़ी चुनौती दी. अखिलेश के अलावा वरिष्ठ सपा नेता आजम खान ने भी अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. आपराधिक मामलों के चलते आजम इस समय जेल में हैं. आजम खान ने हाल में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रामपुर विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी.
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