"साफ नहीं इनका दिल, चुनाव बाद फिर लाएंगे बिल": सपा का मोदी सरकार पर निशाना

सपा ने अपने ट्वीट में एक समाचार पत्र में छपा मिश्र का एक बयान संलग्न किया है, जिसमें राजस्थान के राज्यपाल ने कृषि कानून पर कहा है कि यह समय अनुकूल नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून इसी वजह से वापस लेने का फैसला किया है.

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समाजवादी पार्टी ने कहा कि भाजपा का दिल साफ नहीं है और वह चुनाव के बाद फिर विधेयक लाएगी.(फाइल)
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस (Withdrawal of Farm laws) लिए जाने की केंद्र की घोषणा को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मंशा पर संशय जाहिर करते हुए रविवार को कहा कि भाजपा का दिल साफ नहीं है और वह उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के बाद इस संबंध में फिर से विधेयक लाएगी. सपा ने अपने इस दावे को बल देने के लिए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और उन्नाव से सांसद एवं भाजपा नेता साक्षी महाराज के बयानों का हवाला दिया. 

सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "साफ नहीं इनका दिल, चुनाव बाद फिर लाएंगे बिल(विधेयक)."
उसने कहा कि मिश्र और साक्षी महाराज ने कहा है कि "भाजपा सरकार फिर से विधेयक ला सकती है." सपा ने कहा, "किसानों से झूठी माफी मांगने वालों की यह सच्चाई है. किसान 2022 में बदलाव लाएंगे."

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सपा ने अपने ट्वीट में एक समाचार पत्र में छपा मिश्र का एक बयान संलग्न किया है, जिसमें राजस्थान के राज्यपाल ने कृषि कानून पर कहा है कि यह समय अनुकूल नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून इसी वजह से वापस लेने का फैसला किया है. मिश्र ने कहा, "अगर आगे जरूरत पड़ी तो किसान विधेयक फ‍िर लाया जाएगा." सपा ने इस ट्वीट में साक्षी महराज का भी एक बयान संलग्‍न किया है, जिसमें उन्होंने कहा है, "विधेयक तो बनते-बिगड़ते रहते हैं, फिर वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती."

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साक्षी महाराज ने शुक्रवार को उन्नाव में पत्रकारों से कहा था, ‘‘मैं मोदी जी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और विधेयक के बजाय राष्‍ट्र को चुना. जिनके इरादे गलत थे, जिन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद' और ‘खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए, उन्हें करारा जवाब मिला है.'''' उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 और विधेयकों को निरस्त करने की घोषणा के बीच कोई संबंध नहीं है.

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