जम्मू-कश्मीर के दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन लोन के जज्बे को देखकर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने उनकी हौसला अफजाई की है. उन्होंने कहा है कि अदाणी फाउंडेशन आमिर को हर संभव मदद करेगा. आमिर अपने पैरों का उपयोग करके गेंदबाजी करते हैं और बल्ले को अपने कंधे और गर्दन के बीच पकड़कर खेलते हैं. जब आमिर आठ साल के थे तब उन्होंने अपने पिता की मिल में एक हादसे में अपने दोनों हाथ खो दिए थे.
जम्मू-कश्मीर के बिजबेहरा (अनंतनाग) के वाघामा गांव के 34 साल के दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन लोन जम्मू-कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. आमिर 2013 से एक पेशेवर के तौर पर क्रिकेट खेल रहे हैं. एक शिक्षक ने उनकी क्रिकेट प्रतिभा को पहचानकर उन्हें पैरा क्रिकेट से परिचित कराया था.
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने आमिर हुसैन का एएनआई का वीडियो एक्स पर रीपोस्ट किया. उन्होंने लिखा - ''आमिर की यह भावुक कर देने वाली कहानी अद्भुत है! हम आपकी हिम्मत, खेल के प्रति निष्ठा और विपरीत परिस्थिति में भी कभी ना हार मानने वाले जज्बे को प्रणाम करते हैं. अदाणी फाइंडेशन (Adani Foundation) आपसे शीघ्र संपर्क कर इस बेमिसाल सफर में आपका हर संभव सहयोग करेगा. आपका संघर्ष, हम सबके लिए प्रेरणा है.''
इससे पहले महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आमिर का वीडियो देखकर उनकी प्रशंसा की थी और उनसे मिलने की इच्छा जताई थी. सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट में कहा- ' 'और आमिर ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है. मैं इसे देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूँ! इससे पता चलता है कि उनके मन में खेल के प्रति कितना प्यार और समर्पण है.''
तेंदुलकर ने आगे लिखा - ''उम्मीद है कि मैं एक दिन उनसे मिलूंगा और उनके नाम की जर्सी खरीदूंगा. खेल खेलने के शौकीन लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.''
सचिन तेंदुलकर द्वारा प्रशंसा कि जाने पर आमिर हुसैन लोन ने उनको धन्यवाद दिया और 'मास्टर ब्लास्टर' से मिलने की इच्छा जताई.
सचिन तेंदुलकर की एक्स पर पोस्ट के बाद आमिर ने एएनआई से कहा, "मैं वास्तव में खुश हूं, सचिन ने मेरी लाइफ स्टोरी शेयर की और उसकी सराहना की. मैं जल्द ही उनसे मिलना चाहता हूं. सचिन सर तब से मेरे पसंदीदा रहे हैं जब मैं बच्चा था और आज भी उनसे प्रेरणा लेता हूं. यह जम्मू-कश्मीर और मेरे जिले अनंतनाग के लिए गर्व की बात है. मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा."
इससे पहले, एएनआई से बातचीत में आमिर हुसैन ने एक हादसे से प्रभावित हुए अपने जीवन के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था, "दुर्घटना के बाद, मैंने उम्मीद नहीं खोई और कड़ी मेहनत की. मैं सब कुछ अपने आप कर सकता हूं और मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं. दुर्घटना के बाद किसी ने मेरी मदद नहीं की. यहां तक कि सरकार ने भी मुझे सपोर्ट नहीं किया, लेकिन मेरा परिवार हमेशा साथ रहा."
आमिर ने बताया कि उन्हें बिना हाथों के खेलते देखकर हर कोई हैरान हो जाता है. उन्होंने कहा- "मैंने 2013 और 2018 में दिल्ली में नेशनल खेला. मैंने बांग्लादेश के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. उसके बाद मैंने नेपाल, शारजाह और दुबई में क्रिकेट खेला. मुझे अपने पैरों से खेलते (गेंदबाजी) और अपने कंधे और गर्दन की मदद से बल्लेबाजी करते हुए देखकर हर कोई हैरान था.''
जम्मू-कश्मीर में जन्मे क्रिकेटर ने जोर देकर कहा, "मुझे क्रिकेट खेलने की ताकत देने के लिए मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं."