सलमान खान (Salman Khan Galaxy Apartment Firing) के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने उनके आधार कार्ड के जरिए पकड़ा. पुलिस के अनुसार आरोपियों ने सलमान खान के फार्महाउस से लगभग 13 किलोमीटर दूर रायगढ़ में पनवेल शहर के पास एक घर किराए पर लिया था. दोनों ने किराए संबंधी समझौता पत्र के लिए अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था. पुलिस के अनुसार ‘‘घर के मालिक के साथ समझौता किया गया था जिसमें एकमुश्त जमा राशि 10,000 रुपये और मासिक किराया 3,500 रुपये तय किया गया था.'' आधार कार्ड के जरिए उनकी पहचान होने के बाद, पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने के लिए मानव और तकनीकी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया.
अपराध शाखा ने मामले की जांच के लिए 12 दल गठित किए थे. मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम ने बताया, ‘‘मानवीय और तकनीकी खुफिया जानकारी के आधार पर अपराध शाखा के दल को सूचना मिली कि आरोपी गुजरात में थे, जिसके बाद उन्हें पकड़ने के लिए दो दलों का गठन किया गया.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अधिकारियों को भुज के इलाकों के बारे में जानकारी नहीं थी, इसलिए भुज के पुलिस अधीक्षक को आरोपियों के बारे में सूचित किया गया.'' भुज अपराध शाखा का एक दल मुंबई पुलिस के अधिकारियों के साथ जांच में शामिल हो गया. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपियों ने गोली चलाने से पहले सलमान के घर के आसपास कम से कम तीन बार ‘रेकी' की थी.
लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के कहने पर की गोलीबारी
बिहार के चंपारण के मूल निवासी विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) को सोमवार देर रात गुजरात के कच्छ जिले में माता नो माध गांव से गिरफ्तार किया गया था. जांच से पता चला कि उन्होंने पैसे के लिए गोलीबारी की. गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुप्ता और पाल को जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने सलमान खान के घर पर गोली चलाने का काम सौंपा था.
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपियों को 29 फरवरी से एक मार्च के बीच खान के आवास से सिर्फ एक किलोमीटर दूर बांद्रा में ‘होटल ताज लैंड्स एंड' के पास देखा गया था. उन्होंने कहा कि पाल हरियाणा में दो साल रहा था और पुलिस को संदेह है कि इसी दौरान वह बिश्नोई गिरोह के सदस्यों के संपर्क में आया और गुप्ता बाद में उनके साथ जुड़ा. उन्होंने बताया कि यह भी पता चला कि आरोपी एक भारतीय मोबाइल नंबर से एक अन्य व्यक्ति के संपर्क में थे. पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से मोबाइल फोन बरामद कर लिया है.
अधिकारी ने कहा कि दोनों को घर किराए पर लेने, मोटरसाइकिल खरीदने और ‘‘काम करने'' के लिए आवश्यक अन्य उद्देश्यों के लिए अपने आकाओं से लगभग एक लाख रुपये मिले थे. उन्होंने कहा, ‘‘काम (गोलीबारी) को अंजाम देने के बाद उन्हें और अधिक पैसे देने का वादा किया गया था.'' आरोपियों ने खान के फार्महाउस से लगभग 13 किलोमीटर दूर रायगढ़ में पनवेल शहर के पास एक घर किराए पर लिया लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने फार्महाउस की भी रेकी की थी या नहीं.
आरोपियों ने 24,000 रुपये में खरीदी थी मोटरसाइकिल
अधिकारी ने बताया कि पनवेल में कुछ दिनों तक रहने के बाद दोनों होली मनाने 18 मार्च को चंपारण गए और एक अप्रैल को लौटे. दो अप्रैल को विक्की गुप्ता ने नवी मुंबई में एक दोपहिया वाहन एजेंट से पहले इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल 24,000 रुपये में खरीदी.
अधिकारी ने बताया कि कुछ ही दिन बाद गोलीबारी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पिस्तौल उन्हें मुंबई में पहुंचाई गई. उन्होंने बताया कि गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने मौके से एक कारतूस बरामद किया था और कारतूस को देखकर पुलिस का मानना है कि गोलीबारी में ‘‘अच्छी गुणवत्ता वाले हथियार का इस्तेमाल किया गया था.''
बता दें गत रविवार को तड़के करीब पांच बजे दो मोटरसाइकिल सवार युवकों ने यहां बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट में 58 वर्षीय खान के घर के बाहर गोली चलाई थी. पुलिस के अनुसार गैलेक्सी अपार्टमेंट पर चलाई गईं पांच गोलियों में से एक दीवार पर और एक सलमान के घर की गैलरी में लगी थी.
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बाइक पर पीछे बैठे हुए पाल ने गोली चलाई थी, वहीं गुप्ता बाइक चला रहा था और गिरोह के सदस्यों के साथ संपर्क में था.
विमान से मुंबई लाए गए आरोपी
मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद मंगलवार सुबह एक विमान से यहां लाया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी चिकित्सा जांच कराने के बाद अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 25 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.'' उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) को जोड़ा गया है. अधिकारी के अनुसार बांद्रा पुलिस से मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपे जाने के बाद हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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