"उसने कहा था, वापस फोन करेगा...": शहीद कर्नल, मेजर के परिवारों ने याद की वो 'आखिरी बातचीत'

जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के ऊंचाई वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए जबकि एक जवान लापता है.

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नई दिल्‍ली:

कर्नल मनप्रीत सिंह ने बुधवार को सुबह 6:45 बजे आखिरी बार अपने परिवार के सदस्यों से बात की थी. उन्‍होंने कहा था- 'फिर वापस फोन करेंगे'... लेकिन अब कर्नल का फोन कभी नहीं आएगा. जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के ऊंचाई वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए जबकि एक जवान लापता है. शहीद जवानों के परिवारों के पास अब सिर्फ यादें रह गई हैं.  

कर्नल सिंह की पत्‍नी के भाई ससुर वीरेंद्र गिल ने बताया, "हमने उनसे (कर्नल सिंह) आखिरी बार सुबह 6 बजकर 45 मिनट बजे बात की थी. उन्होंने कहा था कि वह बाद में फिर फोन करेंगे. वह बेहद अच्छे इंसान थे. पिछले साल उन्हें उनकी ड्यूटी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. मैं उन्हें सलाम करता हूं." 41 वर्षीय कर्नल सिंह, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे. 

अनंतनाग जिले के गारोल इलाके में बुधवार सुबह आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के दौरान इन अधिकारियों की मृत्यु हो गई.

34 वर्षीय मेजर आशीष धोनैक के परिवार में उनकी पत्नी और दो साल की बेटी है, जो हरियाणा के पानीपत में रहते हैं. मेजर धोनैक के चाचा ने बताया, "आखिरी बार उनसे टेलीफोन पर बात हुई थी. वह डेढ़ महीने पहले घर आए थे. वह घर बदलने के लिए अक्टूबर में फिर वापस आने वाले थे, लेकिन अब...."

जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं  भट्ट, जम्मू-कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक गुलाम हसन भट्ट के बेटे थे और काफी खून बहने के कारण उनकी मृत्यु हो गई. भट्ट और उनकी पत्नी ने एक महीने पहले ही एक बेटे का स्वागत किया था.

पुलिस अधिकारी और दो सैन्य अधिकारियों के पार्थिव शरीर अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके के जंगलों से बरामद किए गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह और सेना के 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई उन शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे, जो शवों को निकालने की निगरानी के लिए मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे.

बता दें कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हुए सेना और पुलिस ने मंगलवार देर रात एक संयुक्त अभियान चलाया था.

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