ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा को गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के कारण वर्षों तक जेल में तकलीफें झेलनी पड़ीं और उनके प्रियजन को असहाय होकर यह सब कुछ देखना पड़ा. उन्होंने ट्वीट किया, “प्रोफेसर साईबाबा ने यूएपीए के कारण वर्षों तक जेल में अत्यंत पीड़ा झेली और उनके प्रियजनों को असहाय होकर यह सब कुछ देखना पड़ा. यूएपीए एक राक्षस है, जिसे भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर खड़ा किया है. इसके शिकार ज्यादातर निर्दोष मुसलमान, दलित, आदिवासी और असहमति रखने वाले लोग हुए हैं.”
गिरफ्तारी के आठ साल से अधिक समय बाद, बंबई उच्च न्यायालय ने साईबाबा को कथित तौर पर माओवादियों से संबंध रखने के मामले में बरी कर दिया. ओवैसी ने एक और ट्वीट किया, “केवल तीन प्रतिशत आरोपियों को ही यूएपीए के तहत दोषी करार दिया गया है, लेकिन इसके तहत गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों को वर्षों तक जेल में रहना पड़ा है.”
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