सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीता करते थे, ऑनलाइन कार्यक्रम में बोले राहुल गांधी

Rahul Gandhi ने कुछ दिनों पहले स्वीडिश संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा. स्वीडिश संस्थान ने भारत में चुनावी निरंकुशता का आरोप लगाया था.

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​राहुल गांधी ने अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच संबोधन के दौरान ये बात कही.
नई दिल्ली:

भारत में लोकतांत्रिक मानकों में आ रही गिरावट की अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीता करते थे.

राहुल ने अपने ऑनलाइन संबोधन के दौरान कहा कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी के शासन में भी चुनाव हुआ करते थे. वे चुनाव जीता भी करते थे. ऐसा नहीं था कि लोग वोट नहीं करते थे, लेकिन उनके वोटों की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था. राहुल ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय, फैकल्टी के अन्य सदस्यों और छात्रों के साथ संवाद के दौरान ये प्रतिक्रिया दी.

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राहुल ने कहा कि चुनाव सिर्फ ये नहीं है कि लोग जाएं और बटन दबाकर मताधिकार का इस्तेमाल कर दें.चुनाव एक अवधारणा है, चुनाव एक संस्था है, जो यह सुनिश्चित करती है कि देश का ढांचा सही तरीके से काम कर रहा है. चुनाव वो है कि न्यायपालिका निष्पक्ष हो और संसद में बहस काई जाती हो. इसलिए किसी भी वोट की गणना के लिए ये चीजें जरूरी हैं.  
कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब उन्होंने स्वीडन की एक संस्था की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा था कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा.

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उन्होंने कुछ दिनों पहले प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि इंदिरा गांधी के समय लगाई गई इमरजेंसी गलत थी, लेकिन अब देश में उससे भी बुरा दौर है. देश की संस्थाओं में एक खास विचारधारा के लोगों की पैठ मजबूत की जा रही है.  स्वीडिश संस्था की रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से लोकतांत्रिक आजादी में गिरावट आई है.

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