पीएम मोदी के तारीफ करने पर सचिन पायलट ने साधा निशाना, अशोक गहलोत ने कहा- ''ऐसी कोई टिप्पणी न करें''

पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की, सचिन पायलट ने कहा ''बहुत दिलचस्प... गुलाम नबी आजाद की भी प्रशंसा की थी''

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सचिन पायलट की टिप्पणी पर अशोक गहलोत ने कहा हम चाहते हैं कि सभी अनुशासन का पालन करें.

जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज अलवर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि, ''उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. केसी वेणुगोपाल ने पार्टी में सभी से इस तरह की कोई भी टिप्पणी नहीं करने को कहा है. हम चाहते हैं कि सभी अनुशासन का पालन करें. सचिन पायलट ने पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा अशोक गहलोत की तारीफ किए जाने पर सवाल उठाया है.''

राजस्थान के कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा था कि"...मुझे पीएम मोदी की ओर से (कल सीएम गहलोत) की तारीफ करना बहुत दिलचस्प लग रहा है. पीएम ने संसद में गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह प्रशंसा की थी. हमने देखा कि उसके बाद क्या हुआ. यह कल हुई एक दिलचस्प घटना है, इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए..."

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक विवाद समाप्त नहीं हो रहा है. सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफदार विधायकों पर वार करते हुए उन्हें सजा देने की मांग भी की है. सचिन पायलट ने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष को राजस्थान के 'बागी' विधायकों' को सज़ा देनी चाहिए. सचिन पायलट ने आज एनडीटीवी से बातचीत में कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने अपनी मांग रखते हुए कहा जिन विधायकों को नोटिस दिया गया है, उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा “कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है, जिसमें सभी के लिए समान नियम हैं, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो. मुझे यकीन है कि नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कार्रवाई करेंगे. यह उल्लेख करते हुए कि राज्य में 13 महीने में मतदान होने हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि "राजस्थान की स्थिति" पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.

गौरतलब है कि, गहलोत के वफादार नेताओं को 25 सितंबर को जयपुर में मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायक दल (CLP) के विधायकों की समानांतर बैठक करने के बाद नोटिस जारी किए गए थे. यह नोटिस, पर्यवेक्षक बनकर आए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे की रिपोर्ट के बाद जारी किए गए थे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में खडे होने की घोषणा के बाद उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई थी. गहलोत के वफादार विधायक चाहते थे कि अगर गहलोत को बदलना पड़ा तो जिन 102 विधायकों ने जुलाई 2020 में संकट के दौरान अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था उनमें से किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री चुना जाए.

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