दलित बच्चे की हत्या की घटना पर बोले सचिन पायलट : "पुलिस ने पीड़ित परिवार पर लाठीचार्ज किया"

सचिन पायलट ने कहा कि, मैं पीड़ित परिवार से मिला, वह नौ साल का बच्चा था जो स्कूल में पढ़ता था. इसमें साफ तौर पर टीचर की ओर से भेदभाव बरतते हुए हमला किया गया

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सचिन पायलट ने पीड़ित परिवार पर पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाए.
नई दिल्ली:

राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने मंगलवार को तथाकथित "उच्च जातियों" के लिए निर्धारित बर्तन से पानी पीने पर कांग्रेस शासित राज्य में एक दलित स्कूली छात्र की हत्या (Dalit Boy Killing) की घटना की निंदा की. उन्होंने पीड़ित परिवार पर पुलिस कर्मियों द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाया.

उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, "सिर्फ इसलिए कि हम सरकार में हैं, हम चीजों को हल्के में नहीं ले सकते." इस घटना से अशोक गहलोत सरकार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है. एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है और पार्टी के भीतर भी गहलोत की आलोचना हो रही है.

पायलट ने कहा कि, "सरकार ने टीचर और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की है. मुआवजे के रूप में कुछ राशि भी दी है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब बच्चे का शव लाया गया, तो उसके परिवार और वहां मौजूद अन्य लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया." 

उन्होंने कहा, "बच्चे के पिता और दादा घायल हो गए. वे अभी भी भयभीत हैं. मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम उन्हें पूरी सुरक्षा देंगे, लेकिन समुदाय में साफ तौर पर भय की भावना है."

यह पूछे जाने पर कि क्या परिवार पर पुलिस की कार्रवाई राजस्थान सरकार की विफलता थी? कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे नहीं पता कि परिस्थितियां क्या बनीं. मुझे लगता है कि सरकार को इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि देरी क्यों हो रही है."

उन्होंने अपने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तनातनी की घटना पर बात करने से इनकार किया. कांग्रेस के 44 वर्षीय नेता सचिन पायलट ने दो साल पहले पार्टी में विद्रोह का नेतृत्व किया था जिसने राजस्थान सरकार को हिलाकर रख दिया था.

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उन्होंने कहा, "हम एक साथ काम करने और पार्टी और सरकार के लिए बेहतर करने के लिए काफी अच्छे हैं. लेकिन यह किन्हीं व्यक्तियों के बारे में नहीं है, यह एक बच्चे के बारे में है, जिसने अपनी जान गंवा दी है."

सचिन पायलट ने कहा, "आजादी के 75 साल बाद अगर हमारे देश के किसी भी हिस्से में इस तरह की दुविधा का सामना करना पड़ता है, तो यह अस्वीकार्य है. हमें उन लोगों का विश्वास जीतने के लिए बहुत कुछ करने की ज़रूरत है जो हमारे साथ खड़े हैं ... मुझे नहीं लगता यह कहना काफी है कि 'यह दूसरे राज्यों में होता है.' इस तरह का अधिकार किसी को भी नहीं है."

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