अगर थोड़ा और प्रयास करते तो कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनाव जीत सकती थी: सचिन पायलट

पायलट ने यहां ‘लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव’ में कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में अच्छी लड़ाई लड़ी, हालांकि इस बात का अफसोस है कि पार्टी जीत नहीं सकी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि राजस्थान में हमारे पास बहुत अच्छा मौका था. हमने बहुत प्रयास किया. लेकिन अगर हमने थोड़ा और प्रयास किया होता, जैसे टिकट बदलना... 25 मौजूदा मंत्रियों में से 17-18 चुनाव हार गए. अगर हमने दूसरे उम्मीदवारों को चुना होता, तो शायद प्रदर्शन बेहतर होता.’’

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि अगर थोड़ा और प्रयास किया गया होता, तो उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव जीत सकती थी. उन्होंने यह भी कहा कि उनके और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मतभेद दूर हो गए हैं और इस रिश्ते का चुनाव नतीजों पर असर नहीं पड़ा.

पायलट ने यहां ‘लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव' में कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में अच्छी लड़ाई लड़ी, हालांकि इस बात का अफसोस है कि पार्टी जीत नहीं सकी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि राजस्थान में हमारे पास बहुत अच्छा मौका था. हमने बहुत प्रयास किया. लेकिन अगर हमने थोड़ा और प्रयास किया होता, जैसे टिकट बदलना... 25 मौजूदा मंत्रियों में से 17-18 चुनाव हार गए. अगर हमने दूसरे उम्मीदवारों को चुना होता, तो शायद प्रदर्शन बेहतर होता.''

यह पूछे जाने पर कि क्या अगले चुनाव के लिए गहलोत को कांग्रेस के चेहरे के तौर पर बदलने की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘‘अगला चुनाव पांच साल दूर है.'' पायलट ने यह भी कहा कि पार्टी शायद अपने कार्यकर्ताओं का खयाल रखने में विफल रही है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे लगा कि हमें कुछ सुधार की जरूरत है. अगर हमने विपक्ष में रहते हुए किसी मुद्दे पर कोई रुख अपनाया है, तो क्या मैं जीतने के बाद इसे बदल सकता हूं?... हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने पांच साल तक कड़ी मेहनत की, जिससे पार्टी को जीत मिली... यह एक कार्यकर्ता की ऊर्जा है, जो पार्टी को जीत दिलाती है.''

कांग्रेस नेताओं के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि धर्म और धर्म का पालन करना व्यक्तिगत पसंद है. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक धार्मिक देश है. हर किसी को अपने धर्म का पालन करने पर गर्व होना चाहिए. लेकिन इससे राजनीतिक लाभ लेना गलत है... राज्य को धर्म से अलग होना चाहिए.''

पायलट ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ. हर कोई खुश है कि राम मंदिर बन गया... लेकिन लोगों को कौन आमंत्रित करेगा, कितने लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, यह कौन तय करता है? क्या हम राम भक्त नहीं हैं? मुझे तो निमंत्रण नहीं मिला.'' कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘मैं जैसे चाहूं और जब चाहूं पूजा कर सकता हूं. आप इसे अनिवार्य नहीं कर सकते. यह एक व्यक्तिगत निर्णय है... राम हर जगह हैं.''

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उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर कांग्रेस में कोई असहज स्थिति नहीं है तथा संविधान ‘‘सबसे बड़ा धर्मग्रंथ'' है. कांग्रेस में परिवारवाद की राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमले के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि कांग्रेस को लेकर वह बहुत आसक्त हो गए हैं.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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