काश भारत ने यूक्रेन की जनता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए मतदान में भाग लिया होता: मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसे समय आते हैं जब राष्ट्रों को खड़े होने और बिल्कुल अलग खड़े नहीं होने की जरूरत होती है. काश भारत ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की उस जनता के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए मतदान किया होता जो अप्रत्याशित और अनुचित आक्रमण का सामना कर रही है.

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मनीष तिवारी ने कहा कि भारत को पक्षों को चुनना होगा. (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘आक्रामक बर्ताव' की ‘कड़े शब्दों में निंदा' करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत के हिस्सा नहीं लेने के बाद शनिवार को कहा कि भारत को यूक्रेन के लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए मतदान में भाग लेना चाहिए था. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऐसे समय आते हैं जब राष्ट्रों को खड़े होने और बिल्कुल अलग खड़े नहीं होने की जरूरत होती है. काश भारत ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की उस जनता के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए मतदान किया होता जो अप्रत्याशित और अनुचित आक्रमण का सामना कर रही है. ‘मित्र' जब गलत हों तो उन्हें यह बताने की जरूरत है कि वो गलत हैं.'' 

लोकसभा सदस्य तिवारी ने कहा, ‘‘दुनिया के ऊपर से आवरण हट गया है. भारत को पक्षों को चुनना होगा.''

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गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘आक्रामक बर्ताव' की ‘कड़े शब्दों में निंदा' करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया. सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था.

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भारत ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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